RTI आवेदन लौटाने वाले पंचायत सचिव पर 15000 का जुर्माना, SEC राहुल सिंह की कार्रवाई - MP NEWS

Bhopal Samachar

Madhya Pradesh right to Information news

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त, राहुल सिंह ने RTI के आवेदन लेने से मना करने वाले एक ग्राम पंचायत विभाग के  लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध ₹15000 का जुर्माना लगाया है। RTI की डाक वापस लौट आने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए श्री सिंह ने विकास आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आदेशित किया है कि सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को सचेत करें कि वह RTI आवेदन लेने से इंकार ना करे। 

पंचायत सचिव ने रजिस्टर्ड डाक से आया RTI आवेदन लौटा दिया

सतना के प्रशांत शुक्ला ने रजिस्टर्ड डाक से एक RTI आवेदन मैहर के ग्राम पंचायत ककरा के सचिव रामानंद पटेल को भेजा था। इस आरटीआई आवेदन को सचिव ने लेने से इंकार कर दिया तो डाक विभाग ने डाक वापस प्रशांत शुक्ला को लौटा दी। इस संबंध में प्रशांत शुक्ला ने सीधे आयोग में धारा 18 के तहत शिकायत दर्ज करवाई कि सचिव जानकारी देना नहीं चाहते हैं इसीलिए जानबूझकर कर उन्होंने RTI आवेदन की डाक ही लौटा दी।  

MPSEC के सामने पंचायत सचिव मुकर गया

राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह ने इस प्रकरण में जांच कि तो पाया कि ग्राम पंचायत सचिव ने रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजी डाक वापस लौटा दिया। सुनवाई के समय सचिव रामानंद पटेल आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने इंकार किया कि डाक उनके द्वारा लौटाई गई है। पर श्री सिंह ने साक्ष्य के तौर पर डाक विभाग के पोस्टमैन द्वारा वापस लौटाए लिफाफे के ऊपर दर्ज टीप को आधार बनाते हुए रामानंद पटेल को दोषी माना क्योंकि पोस्टमैन ने लिफाफे के ऊपर टीप दर्ज की थी कि "प्राप्तकर्ता ने लेने से इनकार किया"।

पढ़िए राज्य सूचना आयोग ने कैसे जांच की

श्री सिंह ने कहा कि यहां प्राप्तकर्ता स्वयं ग्राम पंचायत सचिव थे, इससे स्पष्ट है कि सचिव ने ही डाक लेने से इनकार किया है। श्री सिंह ने सचिव को यह भी कहा है ये तो तय है कि डाक लौटाई गई है अब अगर सचिव दावा करते है कि डाक उन्होंने नहीं लौटाई, तो दोषी कौन है यह सचिव को स्वयं बताना होगा। श्री सिंह ने यह भी कहा कि सिर्फ आरटीआई की डाक क्यों लौटाई गई जबकि डाक विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार बाकी सभी डाक सचिव के कार्यालय में ली जा रही थी। 

लिफाफे पर डाकिए की टिप्पणी की कानूनी मान्यता

लिफ़ाफ़ा देखने के बाद श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि लिफ़ाफ़े के ऊपर लोक सूचना अधिकारी लिखा हुआ था इससे बिना लिफाफा खोले ही सचिव को यह मालूम था कि अंदर आरटीआई आवेदन है। श्री सिंह ने यह भी कहा कि डाक विभाग शासकीय है और आरटीआई आवेदन को वापस करने के संबंध में डाक विभाग के डाकिए की टिप्पणी साक्ष्य के रूप में मान्य है।

कानून क्या कहता है- RTI आवेदन लेने से कोई मना करे तो?

राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह ने स्पष्ट किया की सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 3 के तहत देश के सभी नागरिकों को सूचना का अधिकार प्राप्त है। वहीं धारा 6 (1) के तहत सूचना के लिए अनुरोध कर सकता है। वहीं अधिनीयम की धारा 20 (1) के तहत आरटीआई आवेदन को लेने से इनकार करना दंडनीय है। इसमे ₹250 प्रतिदिन और अधिकतम ₹25000 जुर्माने का प्रावधान है। 

MPSEC ने विकास आयुक्त को दिए व्यवस्था में सुधार के निर्देश

सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह ने विकास आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को जारी आदेश मे इस बात पर चिंता जताई है कि RTI आवेदन को ग्राम पंचायतों के सचिव द्वारा वापस लौटाया जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आरटीआई आवेदन को लेने से इंकार करने की कार्रवाई अवैध है। श्री सिंह ने विकास आयुक्त को आदेशित किया है कि ग्राम पंचायतों के स्तर पर यह सुनिश्चित करें की RTI आवेदन को वापस नहीं लौटाया जाए और व्यक्तिगत रूप से कार्यालय आकर अगर कोई आवेदक आवेदन देता है तो उस आवेदन की पावती आवेदक को दिलवाना भी सुनिश्चित करें। 

सिंह ने स्पष्ट किया कि आरटीआई आवेदन की डाक लेने से कोई भी लोक सूचना अधिकारी इनकार नहीं कर सकता है और ऐसा करने पर उसके विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।  

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!