Vikram University Ujjain admission scam
विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन में पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2022 में गड़बड़ी के आरोप में उज्जैन लोकायुक्त ने बुधवार को प्रभारी कुलसचिव डा. प्रशांत पुराणिक, सहायक कुलसचिव वीरेन्द्र उचवारे, प्रोफेसर गणपत अहिरवार, पीके वर्मा और वायएस ठाकुर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली। आरोप है कि उपरोक्त सभी ने मिलकर फेल कैंडीडेट्स को पास घोषित कर दिया था।
मालूम हो कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा परिणाम आने के कुछ सप्ताह बाद बबलू खिंची ने परीक्षा की ओएमआर शीट में कांट-छांट कर अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को उत्तीर्ण कराने के दस्तावेज मीडिया को साझा किए थे। एक प्रति कुलसचिव प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय को भी उपलब्ध कराई थी। प्रदर्शन कर मामले में लिप्त जिम्मेदार कुलसचिव, उपकुलसचिव, स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के प्रोफेसर, गोपनीय विभाग के जिम्मेदार प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई दर्ज कराने की मांग की थी।
कई परीक्षार्थियों से परीक्षा में ओएमआर शीट रोल नंबर लिखवाकर खाली जमा कराई और बाद में वीक्षकों से सही उत्तर वाले स्थान पर काले गोल घेरे भरवाए गए। इसके बाद कुलपति ने प्रकरण की जांच के लिए समिति बनाई। जांच कमेटी की रिपोर्ट अब तक कार्य परिषद के पटल पर नहीं आई है। न ही अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
विश्वविद्यालय स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर खींची ने लोकायुक्त में शिकायत की। इसे संज्ञान में लेकर लोकायुक्त ने विश्वविद्यालय से सभी आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किए। सभी आरोपितों से पूछताछ की। जांच महीनेभर चली। बताया कि फिजिक्स डिपार्टमेंट में लेक्चरार प्रो. गणपति अहिरवार तब स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के डायरेक्टर थे। प्रो. पीके वर्मा तब इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के डीन थे। प्रो. ठाकुर तब से लेकर अब तक प्रोफेसर हैं। लोकायुक्त निरीक्षक दीपक सेजवार ने कहा कि एफआइआर दर्ज की है। विवेचना उपरांत कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया जाएगा।
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