Madhya Pradesh Real Estate Regulatory Authority, Bhopal
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सबसे विवादित बिल्डर श्री राजीव सोनी एवं श्री हेमंत सोनी (पुराना नाम- आकृति बिल्डर्स, नया नाम- AG8 वेंचर्स लिमिटेड) के आकृति एक्वासिटी प्रोजेक्ट में कई गड़बड़ियां पाई गई है। उक्त जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की ओर से बताया गया है कि, इस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए फंडिंग कहां से मिलेगी। RERA ने यह भी बताया कि पर्याप्त फाइनेंशियल रिसोर्सेस होने के बावजूद दिवालिया की कार्रवाई का विरोध नहीं किया गया।
भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 8
मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (RERA) द्वारा आकृति एक्वासिटी, आर्चिड हाइट्स एवं एस्टर सीरीज परियोजनाओं का कार्य मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधो-संरचना विकास मण्डल से कराने का निर्णय लिया गया है। RERA ने इन 3 परियोजनाओं में आकृति एक्वासिटी परियोजना का पंजीयन विभिन्न अनियमितताओं के कारण प्रतिसंहृत (Revoked) किया गया था, जबकि अन्य 2 परियोजनाएँ समय-सीमा समाप्त होने से व्यपगत (Lapsed) हो गईं थी। भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 8 में ऐसी परियोजनाएँ जो व्यपगत हो गई हैं या जिनका पंजीयन प्रतिसंहरित किया गया है, प्राधिकरण के विवेकाधीन हो जाती हैं और प्राधिकरण उनके बारे में समुचित निर्णय ले सकता है।
AG8 वेंचर्स लिमिटेड के राजीव और हेमंत सोनी पर पेनल्टी
इन 3 परियोजनाओं में प्राधिकरण ने यह पाया कि प्रमोटर के द्वारा आवंटितियों से प्राप्त की गई राशि का उपयोग अधिनियम के उपबंधों के अनुसार नहीं किया गया है। इस कारण से संचालक श्री राजीव सोनी, श्री हेमंत सोनी, एजी8 वेन्चर्स लिमिटेड पर शास्ति अधिरोपित की गई और निर्धारित राशि परियोजना के खाते में जमा किए जाने के आदेश भी दिए गए थे।
आकृति एक्वासिटी में 34 यूनिट के आवंटन में गड़बड़ी
प्राधिकरण ने प्रमोटर को तीनों परियोजनाओं के संबंध में आवंटितियों से संबंधित सारे विवरण उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया था। एजी 8 वेन्चर्स लिमिटेड के द्वारा उपलब्ध कराए गई जानकारी में अत्याधिक विसंगतियाँ पाई गई। प्राधिकरण ने यह भी पाया कि आकृति एक्वासिटी के लगभग 34 आवंटितियों से कोई आवंटन राशि ही प्राप्त नहीं की गयी थी, जो लगभग 12-15 करोड़ रूपए होती।
आकृति एक्वासिटी का अधूरा प्रोजेक्ट पूरा कैसे होगा
पर्याप्त वित्तीय संसाधन होने के बावजूद भी एजी8 वेन्चर्स लिमिटेड द्वारा उसके विरूद्ध प्रारंभ हुई दिवालिया घोषित होने की कार्यवाही का विरोध नहीं किया गया। प्राधिकरण के द्वारा ऐसे आवंटितियों के मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया अभी निरंतर है। प्राधिकरण को यह विश्वास है कि उपर्युक्त परियोजनाओं की अविक्रित भू-संपत्ति एवं आवंटितियों से प्राप्त होने वाली शेष राशि से परियोजनाओं के अधूरे कार्य को मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधो-संरचना विकास मण्डल से पूरा कराया जा सकेगा।
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