CPC 91- सिविल मामलों में लोक न्यूसेंस का वाद कब मान्य होगा कब नहीं, जानिए

Bhopal Samachar
अगर कोई व्यक्ति किसी नागरिक के सिविल अधिकारों पर अतिक्रमण करता है, तो यह गैरकानूनी कार्य होता है। जब कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर लोक उत्पात करता है या सार्वजनिक स्थान को अवरोध करता है तब यह लोक न्यूसेंस का अपराध होगा। आज के लेख में हम आपको बताएगे की सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 91 के लोक न्यूसेंस के मामले को दायर कौन कर सकता है कौन नहीं जानिए।

सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 91 की परिभाषा

अगर कोई व्यक्ति लोक स्थान में किसी भी प्रकार का लोक न्यूसेंस(सार्वजनिक स्थान को अवरोध) करता है तब ऐसे अपराध को रोकने के लिए या स्टे(रोक लगाने) के लिए या किसी भी प्रकार के रिलीफ(अनुतोष) के लिए:-
1. महाधिवक्ता द्वारा या
2. दो या दो से अधिक व्यक्तियो द्वारा न्यायालय की मंजूरी पर के बाद ही बाद दायर किया जाएगा।

लेकिन अगर कोई कार्य धार्मिक, ट्रस्ट आदि का है जो जनसाधारण के लिए किया जा रहा है तब वह कार्यक्रम लोक न्यूसेंस का अपराध नहीं होगा।

'कुलमिलाकर कहे तो सिविल प्रक्रिया की 91 का अपराध के लिए कोई एक व्यक्ति वाद दायर नहीं कर सकता है इसके लिए दो या दो से अधिक व्यक्ति होना आवश्यक है क्योंकि यह वाद व्यक्तिगत न होकर सार्वजनिक क्षेत्र के लिए हैं। 

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