बारिश के मौसम में यदि उमस की स्थिति बनती है तो आई फ्लू जैसे संक्रमण फैलने लगते हैं। यह एक ऐसा संक्रामक रोग है जो पीड़ित व्यक्ति को कम से कम 4-5 दिन के लिए प्रभावित करता है। पीड़ित व्यक्ति को आइसोलेटेड होना पड़ता है। उसके कपड़े और बिस्तर भी संक्रमित हो जाते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि चश्मा पहने। हाथों को साफ रखें और आंखों से टच ना करें। आंखों को पानी से बार-बार धोते रहें।
आई फ्लू के लक्षण
आंखों में दर्द होता है। पानी की मात्रा बढ़ जाती है। खुजली होने लगती है। कुछ लोगों को धुंधला दिखाई देता है। आंखें खोलने में कठिनाई होती है। पलकों के बाल चिपकने लगते हैं। सिर दर्द की शिकायत हो सकती है। जीमर चलाने की समस्या हो सकती है। आंखों में सूखापन आ सकता है। आंखों में दवाब महसूस होगा। आंखों का सफेद हिस्सा लाल हो जाएगा। आंखों में किरकिरी महसूस हो सकती है।
आई फ्लू का घरेलू उपचार
- बर्फ से सिकाई- आंखों को बंद करके पलकों के ऊपर बर्फ से सिकाई करें। इसके लिए बर्फ को किसी साफ कॉटन के कपड़े में अथवा रुमाल में लपेट लें और फिर उसे आंखों के ऊपर रखें।
- हरा धनिया- धनिया के पत्तों को पानी में उबाल लें और फिर उस पानी को ठंडा करके छान लें। इस पानी से आंखों को धोएं। इससे आंखों की सूजन और जलन में कमी आती है।
- आलू को दो टुकड़ों में काट लें और अपनी आंखों पर रखें। आराम मिलेगा।
- पालक और गाजर के जूस को मिक्स करें और दिन भर थोड़ा थोड़ा पीते रहे।
- करौंदा का जूस पीने से आई फ्लू के संक्रमण की रोकथाम होती है।
- आंखों में गुलाब जल डालें। इससे आंखों की सफाई होगी और आराम मिलेगा।
- गेंदे के फूल के रस से आंखों की धुलाई करने पर आराम मिलता है।
- हैंड टॉवल अथवा रुमाल को कपड़े में भिगोकर, निचोड़ कर आंखों के ऊपर रख लेंगे तो हल्का आराम मिलता रहेगा।
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