हिन्दू विवाह अधिनियम में बहुविवाह का कोई प्रावधान नहीं है अर्थात कोई भी व्यक्ति पहली पत्नी के होते हुए बिना तलाक के अगर दूसरा विवाह करता है तो दूसरा विवाह शून्य मना जाता है लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी को भी पहली पत्नी के समान अधिकार दिलवाया था जानिए।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में निर्धारित किया कि किसी व्यक्ति के जीवन में आई दूसरी औरत को भी उसकी मौत के बाद पत्नी के समान हक दिया जाना चाहिए।
न्यायालय ने शिक्षक स्व. रामशंकर शर्मा की दूसरी पत्नी कनक देवी को शर्मा की पारिवारिक पेशन, रिटायरमेंट लाभ पाने का हक दिया, जबकि पहली पत्नी लक्ष्मी को पति की जगह अनुकम्पा नियुक्ति दिलवा दी। इस मामले में न्यायालय ने देखा की दूसरी पत्नी कनक के दो बच्चे थे और रामशंकर शर्मा उनका पिता था एवं दोनों महिलाओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए न्यायालय ने मानवीय रुख अपनाते हुए अपना फैसला सुनाया।
उपर्युक्त निर्णय के आधार पर कहा जा सकता है कि अगर कोई व्यक्ति पहली पत्नी के होते हुए दूसरा विवाह कर लेता है और दूसरी पत्नी को संतान हो जाती है और पति की मृत्यु हो जाती है तब दूसरी पत्नी पति की संपत्ति पाने की हकदार हो सकती है लेकिन शादी विधिवत होना चाहिए न की झूठे आरोप में। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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