दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 125 की उपधारा 01 के खण्ड (घ) के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर उसके माता-पिता, जो स्वयं का भरण पोषण करने में असमर्थ है, वह न्यायालय में भरण पोषण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। न्यायालय अति वृद्ध माता पिता को तुरंत अंतरिम निर्वाह भत्ता देने का आदेश पुत्र को दे सकता है। एक महत्त्वपूर्ण सवाल उन माता पिता के मन में आता है जिनका बेटा नहीं है सिर्फ बेटी है क्या वो आपनी बेटी से भरण पोषण प्राप्त कर सकते हैं जानिए इस संबंध में महत्त्वपूर्ण जानकारी।
राजकुमारी बनाम यशोदा देवी वाद
उक्त मामले में विधवा माँ ने अपनी पुत्री से भरण पोषण प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया लेकिन पंजाब उच्च न्यायालय ने इस बात को खारिज कर दिया एवं कहा कि धारा 125 की उपधारा 01 में कोई व्यक्ति का अर्थ है कि पिता, पुत्र या पति ही होता है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब उच्च न्यायालय के मामले को पलट दिया एवं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि पुत्री सम्पन्न है और उसकी आय का अलग साधन है तो माता-पिता पुत्री से भरण पोषण प्राप्त कर सकते हैं चाहे वह विवाहित ही क्यों न हो।
CrPC की धारा 125-1)में लिखे कोई व्यक्ति से क्या तात्पर्य है, पढ़िए
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, कोई भी माता पिता आपनी पुत्री से भरण पोषण प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि CrPC की धारा 125 (1) में सिर्फ "कोई व्यक्ति, शब्द लिखा है इसके अंतर्गत कौन कौन व्यक्ति आएगे ये नहीं बताया गया है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com