मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों के दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी में केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को छोड़कर सभी टॉप रैंक लीडर्स के रोल और रिस्पांसिबिलिटी फिक्स कर दिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की नियुक्ति के बाद भाजपा अब चुनावी तैयारियों के सेकंड राउंड के लिए तैयार है।
फटाफट फैसलों के लिए भूपेंद्र और अश्विनी
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और श्री अश्विनी वैष्णव को फ्री हैंड देकर भेजा गया है। दोनों किसी भी मामले में किसी भी प्रकार का डिसीजन कर सकते हैं। टॉप रैंक नेताओं के बीच में जिस भी विषय पर असहमति की स्थिति बनेगी, भूपेंद्र और अश्वनी मिलकर उस पर जो भी फैसला करेंगे वह फाइनल होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आचार संहिता लागू होने से पहले तक भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक रहेंगे। सभी प्रकार के सम्मेलन, सभाएं और रैलियों को श्री शिवराज सिंह चौहान संबोधित करेंगे।
श्रीकृष्ण की भूमिका में नरेंद्र सिंह तोमर, यत्र-तत्र-सर्वत्र
केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर को इलेक्शन मैनेजमेंट कमिटी का चेयरमैन बनाया गया है। इसके साथ ही उनकी भूमिका भी निर्धारित कर दी गई है। वह सभाओं को संबोधित नहीं करेंगे परंतु मध्यप्रदेश में भाजपा के रैंक 2 और रैंक 3 नेताओं की समस्याओं का समाधान करेंगे। इलेक्शन के मैनेजमेंट से संबंधित सभी मामलों में तोमर का फैसला फुल एंड फाइनल होगा। सरल शब्दों में कहें तो मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के हर कदम पर हर पड़ाव पर उसके पीछे नरेंद्र सिंह तोमर खड़े दिखाई देंगे। जैसे महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण की भूमिका थी। पदस्थापना अर्जुन के सारथी के रूप में हुई थी लेकिन पूरे युद्ध का संचालन उन्होंने ही किया था। ठीक यही स्थिति श्री नरेंद्र सिंह तोमर की निर्धारित की गई है।
कैलाश विजयवर्गीय- पावर सेंटर
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं निमाड़ मालवा के सबसे बड़े भाजपा नेता श्री कैलाश विजयवर्गीय अपने आप में पावर सेंटर रहेंगे। वह कोर ग्रुप में तो शामिल है ही लेकिन उम्मीदवारों के चयन से लेकर अन्य चुनावी फैसलों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित की गई है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया- पेंडिंग
केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में क्या भूमिका होगी, फिलहाल तय नहीं हुआ है। श्री सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद भाजपा में एक नए गुट का उदय हुआ है। उनके समर्थकों के बयानों के कारण कई बार श्री सिंधिया आलोचकों के निशाने पर आ जाते हैं। माना जा रहा है कि, श्री शिवराज सिंह चौहान के बाद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही मध्यप्रदेश में जनता से संवाद स्थापित करने वाली कोई दूसरी बड़ी भूमिका मिलेगी परंतु हमेशा की तरह फिलहाल श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का डिसीजन पेंडिंग है।
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