मध्य प्रदेश शासन के 31 विभागों में विभिन्न पदों पर कुल 5114 वैकेंसी जिसमें उपयंत्री, मानचित्रकार, समय पाल एवं समकक्ष पदों की भर्ती हेतु मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल द्वारा Group-3 Sub Engineer, Draftman, Samaypal and other equivalent post Combined Recruitment Test - 2022 विज्ञापन जारी किया गया था जिसमें न्यूनतम योग्यता बारहवीं तथा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा निर्धारित की गई थी। उक्त सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए लाखों उम्मीदवार भर्ती परीक्षा में शामिल हुए। दिनांक 28 जून 2023 को महाधिवक्ता महोदय के अभिमत के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के 13% पद HOLD करवा दिए। समस्त विभागों द्वारा शेष 87% पदों पर नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए।
मध्यप्रदेश शासन ने मेरिट वालों को होल्ड कर दिया, कम नंबर वालों को नियुक्ति दे दी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 30 जून 2023 को एक भव्य कार्यक्रम में नियुक्ति पत्रों का वितरण किया। HOLD किए गए उम्मीदवारों में सागर निवासी कु.आकांक्षा ठाकुर, रोहित लोधी,टीकमगढ़ निवासी नरेश कुमार कुर्मी, छतरपुर निवासी रोहित साहू द्वारा अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई आज 14 जुलाई को जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस एके सिंह की डबल बेंच द्वारा की गई। अधिवक्ता श्री ठाकुर ने हाईकोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता OBC कैटेगरी के हैं। इनके प्राप्तांक अनारक्षित वर्ग 11 CUTOFF से अधिक है तथा OBC कैटेगरी में जिन उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र मिले हैं उनसे 10 नंबर ज्यादा है। इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को सब इंजीनियर के पद पर नियुक्त नहीं किया गया बल्कि HOLD कर दिया गया।
मध्यप्रदेश में 13% नियुक्तियां HOLD किस कानून के तहत गलत हैं
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर, श्री विनायक प्रसाद शाह एवं श्री रामभजन लोधी ने हाईकोर्ट को बताया कि, यह प्रक्रिया अवैधानिक है एवं संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 16 के विपरीत है। इसके अलावा आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 6(2) के तहत इस प्रकार की नियुक्ति करने वाला अधिकारी, आपराधिक दोषी है। इसलिए जारी किए गए समस्त नियुक्ति पत्र आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 14 के तहत शून्यकरणीय (शून्य कर देने योग्य) है।
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग, RES के प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर इन चीफ, इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग और कर्मचारी चयन मंडल के सर्वोच्च अधिकारियों को नोटिस जारी करके 5 दिन के भीतर जवाब मांगा है। इसी के साथ पूरी भर्ती प्रक्रिया को इस याचिका क्रमांक 15365/2023 के निर्णय के अध्याधीन कर दिया है।
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