मध्यप्रदेश में रिश्वत हक से वसूली जाती है। नर्मदा पुरम के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस ने आज एक छापामार कार्रवाई करते हुए सामूहिक रिश्वत कांड पकड़ा है। इसमें तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। यदि इनमें से किसी ने भी बयान दिया तो सीएमएचओ के खिलाफ भी FIR दर्ज हो जाएगी।
समयमान वेतनमान के लिए अपने ही कर्मचारी से रिश्वत
लोकायुक्त पुलिस टीम ने प्रारंभिक जानकारी देते हुए बताया कि, नर्मदा पुरम के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में अपने ही विभाग के कर्मचारी से समयमान वेतनमान की राशि निकालने के बदले ₹50000 की रिश्वत मांगी गई थी। उल्लेखनीय है कि समयमान वेतनमान सभी कर्मचारियों का अधिकार होता है। इसमें कुछ भी नियम विरुद्ध नहीं होता। यानी कर्मचारियों को उनके मेहनत और अधिकार की राशि प्राप्त करने के लिए भी प्रताड़ित होना पड़ता है।
खुलेआम रिश्वत ली गई, किसी का कोई डर नहीं
लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की शिनाख्त करने के बाद ट्रैप की प्लानिंग की और शिकायतकर्ता कर्मचारी को केमिकल युक्त ₹30000 के नोट देकर रिश्वत अदा करने के लिए भेजा। ऑफिस में सरेआम अकाउंटेंट महेश कुमार मेवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागाइच और सहायक ग्रेड 3 गजेंद्र वर्मा द्वारा रिश्वत प्राप्त की गई। रिश्वत की धर्म का लेनदेन पूरा होते ही, मौके पर सिविल ड्रेस में मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने छापा मार दिया। केमिकल टेस्ट में तीनों कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए।
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