मध्यप्रदेश में सावन के महीने में गर्मी और उमस के मौसम के कारण आई फ्लू फैल रहा है। यह संक्रमण बच्चों को तेजी से शिकार बना रहा है। सबसे ज्यादा मामले ग्वालियर और भोपाल में आ रहे हैं। ग्वालियर ओपीडी में 90% मरीज आई फ्लू और इसी से रिलेटेड सर्दी जुखाम बुखार के मरीज दर्ज किए जा रहे हैं।
आई फ्लू वाले मरीज को क्वारंटाइन करें
जीआरएमसी नेत्र रोग डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ डीके शाक्य का कहना है कि, यह एडीनो वायरस है, जिसके चलते कुछ मरीजों को सदी जुकाम, बुखार के साथ आई फ्लू हो जाता है। उमस व गर्मी की वजह से आई फ्लू की बीमारी अधिक फैल रही है। जिसको आई फ्लू हुआ है वह कुछ समय के लिए ऑफिस न जाए और घर में भी बच्चों और परिवार से दूरी बनाकर रखें चादर, तकिया और तौलिया दूसरों के साथ शेयर ना करें।
मरीजों को चाहिए कि वह आंखों को हाथ न लगाएं। आंखों को बार-बार सामान्य पानी से धोएं। डॉक्टर से संपर्क करें और उसके निर्देशों का पालन करें। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदीप राठौर का कहना है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए वह किसी भी संक्रमण की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। स्कूल में बच्चे एक दूसरे के संपर्क में ज्यादा आते हैं। इसलिए भी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।
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