ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसे लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया, जो कई दशकों से सिंधिया परिवार के फॉलोअर्स थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए थे। बैजनाथ सिंह यादव और राकेश गुप्ता इस लिस्ट में दो बड़े नाम है। श्री सिंधिया के ही समर्थक एवं मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने गुना में पत्रकारों से बात करते हुए इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, उनके कांग्रेस पार्टी में वापस चले जाने से हम प्रसन्न हैं। यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री हैं और इसी जिले में दशकों पुराने सिंधिया समर्थक, अपने नेता को छोड़कर कांग्रेस पार्टी में वापस जा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व पर सवाल
सन 2019 में जब श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे तब उनके साथ उनके हजारों समर्थक भी नजर आए थे। ग्वालियर चंबल संभाग में तो जैसे कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ दिखाई दे रहा था। इस माहौल के कारण श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को काफी महत्व मिला था। अब उन्हीं समर्थकों की संख्या कम होती जा रही है। लोग श्री सिंधिया को छोड़कर कांग्रेस में वापस जा रहे हैं। कोलारस की श्री बैजनाथ सिंह यादव ने अपनी राजनीति की शुरुआत है स्वर्गीय श्री माधवराव सिंधिया के साथ की थी। जब किशोरी राकेश गुप्ता तो जन्मजात सिंधिया समर्थक थे। उनके पिता स्वर्गीय श्री सांवल दास गुप्ता ने सिंधिया परिवार को मजबूत करने के लिए राजनीति शुरू की थी।
ग्वालियर चंबल संभाग में कहा जाता है कि, वहां भाजपा और कांग्रेस नहीं है बल्कि सिंधिया समर्थक और सिंधिया विरोधी होते हैं। जो लोग सिंधिया के साथ हैं वह सिंधिया के साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए थे। उन्होंने भाजपा की विचारधारा या किसी नेता को देखकर पार्टी नहीं बदली। यही बात ज्योतिरादित्य सिंधिया को ताकतवर बनाती थी और कारण है कि अब सिंधिया की लीडरशिप पर सवाल उठा रहे हैं।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए।
✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।
क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।