केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे विश्वसनीय समर्थक एवं कैबिनेट मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट एक ऐसे मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद मांगते हुए दिखाई दिए, जिसका समाधान केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है। अजीब बात यह है कि, श्री सिलावट लंबे समय से परेशान हो रहे हैं और इस विषय पर चर्चा करने के लिए उन्होंने मंत्रिपरिषद की मीटिंग को चुना।
मामला क्या है संक्षिप्त में पढ़िए
मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के दौरान श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि,
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) प्रदेश के गोदामों से अनाज खाली करवाकर ले जा रहा है। इससे गोदाम संचालकों को नुकसान होगा। सालभर गोदाम खाली रहेंगे। नया उठाएं या पुराना, कोई मापदंड या प्रक्रिया नहीं है। सिलावट यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में वे FCI BHOPAL के अधिकारी विशेष गढ़पाले से मिल चुके हैं। वे मप्र कैडर के हैं।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पूछा कि उन्होंने कुछ किया?
- सिलावट ने कहा- नहीं।
- सिलावट फिर बोले कि वे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से भी मिल चुके हैं।
- सीएम ने फिर सवाल दोहराया कि उन्होंने कुछ किया?
- सिलावट ने कहा, नहीं।
इसीलिए अबकी बार आपके पास आया हूं। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं भी कुछ नहीं कर सकता क्योंकि एफसीआई केंद्रीय एजेंसी है। मप्र के पास कोई अधिकार नहीं हैं।
सिर्फ एक सवाल- क्या सिलावट को यह पता नहीं था
इस पूरे घटनाक्रम में सिर्फ एक सवाल है। क्या श्री तुलसीराम सिलावट को यह पता नहीं था कि FCI केंद्रीय एजेंसी है और मध्य प्रदेश के पास कोई अधिकार नहीं है। इस बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि श्री सिलावट जैसे नेता को, यह जानकारी नहीं होगी। चलो 1 मिनट के लिए मान भी लें, तो जब हो श्री विशेष गढ़पाले से मिलने गए थे तब पता चल गया होगा। नहीं तो जब वह मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस से मिलने गए थे, तभी पता चल गया होगा। फिर क्या कारण है कि श्री सिलावट ने यह विषय कैबिनेट की मीटिंग में उठाया। जबकि श्री सिलावट, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जनहित के कामों के लिए व्यक्तिगत मिलते रहते हैं।
क्या सिंधिया के पास जाएंगे सिलावट
अब जबकि पता चल गया है कि FCI राज्य का नहीं केंद्र का विषय है और उनके नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तो केंद्रीय मंत्री हैं। सभी केंद्रीय मंत्रियों से उनके काफी अच्छे संबंध है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इसमें कोई आपत्ति भी नहीं है। अब देखना यह है कि क्या श्री तुलसीराम सिलावट इस समस्या के समाधान के लिए श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास जाएंगे। ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।