मध्य प्रदेश के सीधी जिले में रीवा लोकायुक्त पुलिस की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त राजेश सिंह परिहार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बताया गया है कि असिस्टेंट कमिश्नर ने अपने ही डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी से 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस मामले में एक अन्य छात्रावास अधीक्षक अनिरुद्ध पांडे को भी नामजद किया गया है
रिश्वत वसूली के लिए छात्रावास अधीक्षक का ट्रांसफर कर दिया था
लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता अशोक पांडे ने बताया कि वह आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित सिहावल छात्रावास में अधीक्षक के पद पर पदस्थ था। बिना किसी कारण के उसका ट्रांसफर कर दिया गया। अधीक्षक अशोक पांडे ने जब नियमानुसार सहायक आयुक्त राजेश सिंह परिहार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करते हुए स्थानांतरण रद्द करने का निवेदन किया तो उन्होंने इसके बदले में 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। लोकायुक्त की टीम ने बताया कि, शिकायत के आधार पर प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन की गई एवं एविडेंस कलेक्ट किए गए। जब इस बात की पुष्टि हो गई कि, रिश्वत की मांग की गई है। तब ट्रैप की कार्रवाई प्लान की गई।
प्लानिंग के तहत अशोक पांडे को केमिकल युक्त 80 हजार रुपए के नोट देकर भेजा गया। मध्यप्रदेश ट्राइबल डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर राजेश सिंह परिहार ने उसे अपने सरकारी आवास पर बुलाया। जैसे ही रिश्वत की रकम का लेनदेन हुआ, मौके पर मौजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने असिस्टेंट कमिश्नर को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में एक अन्य छात्रावास अधीक्षक अनिरुद्ध पांडे को भी नामजद किया गया है। उल्लेखनीय है कि, असिस्टेंट कमिश्नर राजेश सिंह परिहार को इससे पहले भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। तब राजेश सिंह परिहार शिवपुरी में पदस्थ थे।
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