मध्य प्रदेश में बारिश तो बहुत हुई है कई सारे बांधों का जलस्तर हाई लेवल पर पहुंच गया है। बरगी बांध एक बार फुल हो चुका है। तवा डैम भी फुल टैंक लेवल पर आने वाला है परंतु इस सबके बीच में अब तक सावन की झड़ी नहीं लगी है। हवा में कभी नमी और कभी गर्मी के कारण आई फ्लू जैसे संक्रामक रोग फैल रहे हैं।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि, फिलहाल वर्षा की गतिविधियों में कमी आएगी। रायसेन, रीवा, उमरिया, पन्ना, अनूपपुर, सागर, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, बालाघाट, छतरपुर, सिवनी एवं कटनी जिलों में कुछ स्थानों पर बारिश होगी। बाकी मध्यप्रदेश के आसमान पर बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं पर हल्की बारिश होगी। क्लाइमेट चेंज की वजह से आसमान में बादलों का ठहराव नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि अब तक सावन की झड़ी नहीं लगी है। मध्य प्रदेश के ज्यादातर स्थानों में मूसलाधार बारिश और भारी बारिश की स्थिति बनी है।
मध्य प्रदेश मौसम के समाचार
- मध्य प्रदेश के दक्षिण पूर्व हिस्से में बारिश की गतिविधियां जारी हैं।
- बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान के करीब।
- तवा डैम का वाटर लेवल 1155 फीट तक पहुंचा। फुल टैंक लेवल 1162 फीट है।
- खरगोन के भीकनगांव-झिरन्या क्षेत्र में अपरवेदा बांध फुल हो गया, एक गेट को खोला गया।
- लगातार बांध का पानी नदी में जाने के अपरवेदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है।
- मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक ओवरऑल 4% ज्यादा बारिश हुई है।
- मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में 8% कम बारिश हुई है।
- मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में 15% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
- सबसे ज्यादा बारिश सीहोर इंदौर हरदा नरसिंहपुर और सिवनी में हुई है।
- सबसे कम बारिश ग्वालियर दतिया अशोकनगर सतना और सिंगरौली में हुई है।
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