आयुक्त हो तो ऐसा- चट आवेदन पट आदेश, जुर्माना का नोटिस भी अटैच- MPSIC BHOPAL HINDI NEWS

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग भोपाल में ऐसा पहली बार हुआ कि एक बुजुर्ग व्यक्ति के लंबित मामले में सुनवाई की अर्जी आते ही चंद मिनटों में ही सुनवाई हो गई और आदेश भी जारी हो गए। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने तीन दिन में जानकारी देने के आदेश के साथ दोषी अधिकारी के विरुद्ध 25000 जुर्माने का शो कॉज नोटिस भी जारी कर दिया।  यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि कुछ दिनों पहले इसी राज्य सूचना आयोग भोपाल के कार्यालय में एक कर्मचारी को सुनवाई की जल्दी से तारीख निर्धारित करने के बदले में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।

रीवा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 12 साल से जानकारी नहीं दे रहे थे

गौरतलब है कि सूचना आयोग में अपील के करीब 6000 मामले लंबित चल रहे हैं और एक मामले में सुनवाई लगवाने की कागजी कारवाई में कम से कम एक महीने का समय लग जाता है। ऐसे मे जब रीवा से बुजुर्ग विद्याकांत मिश्र आज सूचना आयोग में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह से अपने अपील प्रकरण में शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन देने आए तो चंद मिनटों में सुनवाई की कार्यवाही पहली बार देखने को मिली। मिश्र अपने प्रकरण की जानकारी देते हुए सिंह के सामने भावुक हो गए उन्होंने बताया कि वे मऊगंज नगर परिषद में सफाई दरोगा के पद पर पदस्थ थे और उनको सन 2012 में निलंबित करने के बाद बहाल कर दिया था। मिश्र इसी बहाली के आदेश की जानकारी लेना चाहते थे। पर पिछले 12 साल से उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली और वे बहाली के आदेश के बिना ही रिटायर भी हो गए। 

रीवा कलेक्टर ने तीन बार आदेश जारी किए, लेकिन पालन नहीं हुआ

अपनी बात कहते कहते रुआसे हो गए मिश्र को सूचना आयुक्त ने खुद पानी पिलाया। राहुल सिंह ने तत्काल विद्याकांत मिश्र के सामने ही फाइल बुलवा कर उसमें सुनवाई कर आदेश जारी किए। सिंह ने पाया मिश्र के मामले में पहले ही प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर कार्यालय रीवा से तीन बार आरपी सोनी संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन विकास विभाग रीवा संभाग को जानकारी देने के लिए आदेशित किया गया था पर इसके बावजूद सोनी ने कोई जानकारी नहीं दी। सिंह ने ये भी पाया कि सोनी ने मिश्रा के RTI आवेदन पर पहले भी कोई कार्रवाई नहीं की थी। 

संयुक्त संचालक आरपी सोनी को ₹25000 जुर्माना का नोटिस

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी आदेश लिखा कि मिश्र ने उपसंचालक के स्तर पर जारी बहाली आदेश की जानकारी मांगी थी और ये जानकारी सरल और सुलभ रूप में विभाग में उपलब्ध थी। पर इसके बावजूद बुजुर्ग विद्याकांत मिश्र को जानबूझकर जानकारी से वंचित किया गया। इस मामले में आरटीआई अधिनियम के उल्लंघन के लिए सिंह ने आर पी सोनी को ₹25000 जुर्माने का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही आयोग के आदेश प्राप्ति के 3 दिन के भीतर विद्याकांत मिश्र को निशुल्क जानकारी देने के भी आदेश जारी किए हैं। 

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