धारा 176-1 के तहत तहसीलदार द्वारा जप्त की गई कृषि भूमि वापस प्राप्त करने की विधि - Legal GK

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मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 176 की उपधारा 1 के तहत लावारिस खेत को तहसीलदार द्वारा जप्त किया जा सकता है और उसे उपजाऊ बनाए रखने के लिए किसी भी व्यक्ति को लीज पर दिया जा सकता है। (यह हम पिछले चैप्टर में बता चुके हैं, यदि आप नहीं पढ़ पाए तो यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं)। अब प्रश्न ये उपस्थित होता है कि, यदि किसान वापस आ जाए, या फिर वह अपने खेत पर फिर से खेती करने की इच्छा जताए, या फिर नियमानुसार भू राजस्व का भुगतान करें तो क्या जबकि गई कृषि भूमि उसे वापस की जा सकती है।

मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता, 1959 की धारा 176 की उपधारा 2 की परिभाषा

जहाँ भूमिस्वामी या भूमि के लिए विधिपूर्वक हकदार कोई अन्य व्यक्ति उस तारीख से जिस तारीख को तहसीलदार ने भूमि पर अपना कब्जा किया था, आगामी कृषि वर्ष के प्रारंभ से पाँच वर्ष की कालावधि के भीतर उस भूमि को प्राप्त करने के लिए दावा कर सकता है।

Madhya Pradesh Land Revenue Code,1959 section 176 sub section 2

साधारण शब्दों में कहे तो जब तहसीलदार किसी कृषि भूमि पर कब्जा कर लेता है तब जिस व्यक्ति की भूमि पर कब्जा किया है वह व्यक्ति मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 176(2) के अंतर्गत अपनी भूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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