जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश ने अवमानना के एक मामले में बड़ी कार्रवाई की है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2 अधिकारियों को हाई कोर्ट की अवमानना के मामले में 7 दिन जेल की सजा सुनाई। इसी के साथ दोनों अफसरों को जुडिशल कस्टडी में ले लिया गया। इनमें से एक छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर श्री शीलेंद्र सिंह और दूसरे छतरपुर के तत्कालीन CEO अमर बहादुर सिंह है।
शीलेंद्र सिंह एवं अमर बहादुर सिंह आईएएस हाई कोर्ट द्वारा दोषी घोषित
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश जस्टिस जीएस अहलूवालिया आज शुक्रवार 18 अगस्त यह फैसला सुनाया। शीलेन्द्र सिंह आईएएस वर्तमान में सामाजिक न्याय विभाग भोपाल में उपसचिव हैं। वहीं, अमर बहादुर सिंह आईएएस, जबलपुर संभाग के एडिशनल कमिश्नर हैं। दोनों को दिनांक 5 अगस्त को दोषी घोषित कर दिया गया था। दंड निर्धारित करने के लिए पहले 11 अगस्त की तारीख घोषित की गई थी। फिर 18 अगस्त निर्धारित की गई।
महिला संविदा कर्मचारी की याचिका पर कलेक्टर को दंड मिलेगा
श्री शीलेन्द्र सिंह आईएएस, उन दिनों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के कलेक्टर थे। छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत रचना द्विवेदी जिला समन्वयक को छतरपुर से बड़ामलहरा स्थानांतरित कर दिया गया था। संविदा नियुक्ति में स्थानांतरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। उसके बावजजूद भी याचिका कर्ता को बड़ामलहरा स्थानांतरित किया गया था। इस स्थानांतरण के विरुद्ध याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने रचना त्रिपाठी का ट्रांसफर आर्डर स्थगित कर दिया था। इसके बावजूद रचना त्रिपाठी के बड़ृामलहरा में ज्वाइन न करने के कारण उसे सेवा से पृथक कर दिया गया था।
जिसके विरुद्ध उसने पुन: न्यायालय में शरण ली और न्यायालय को अपने अधिवक्ता के माध्यम से बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हो रहा है और याचिकाकर्ता को नौकरी से निकाल दिया गया है और अन्य किसी व्यक्ति को अपीलार्थी की जगह सेवा में रखा गया है। न्यायालय ने तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को अवमानना का नोटिस दिया था। अवमानना की याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को अवमानना का दोषी घोषित कर दिया।
जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह भी हाईकोर्ट की अवमानना के दोषी घोषित
क्योंकि यह मामला स्वच्छता मिशन का है, जो जिला पंचायत के अंतर्गत आता है। याचिकाकर्ता रचना त्रिपाठी, जिला पंचायत की संविदा कर्मचारी थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमर बहादुर सिंह ने उनका ट्रांसफर किया था और हाई कोर्ट द्वारा स्थगित हो जाने के बावजूद, ट्रांसफर ऑर्डर का पालन ना करने की आरोप में रचना त्रिपाठी की सेवाएं समाप्त कर दी थी। इसलिए इस मामले में श्री अमर बहादुर सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छतरपुर को भी दोषी घोषित किया गया।
चीफ जस्टिस एवं विशाल मिश्रा की खंड पीठ द्वारा कांटेम्पट अपील CONCA क्रमांक 16 /23 एवं 17/23 मे शीलेन्द्र सिंह एवं अमर बहादुर सिंह को 7 दिवस क़ी सजा के आदेश को स्टे कर दिया गया हैं।
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