शिवलिंग का अभिषेक विभिन्न अवसरों पर विभिन्न पदार्थों से किए जाने का प्रावधान है। इसके पीछे कई प्रकार की धार्मिक मान्यताएं एवं वैज्ञानिक कारण भी उपस्थित हैं। आज हम आपको बताएंगे कि दूध से रुद्राभिषेक करने के क्या फायदे होते हैं।
Milk Rudrabhishek benefits in Hindi
दूध धर्म के और मन पर प्रभाव के दृष्टिकोण से सात्विक समझा जाता है। इसमें भी गाय का दूध सर्वाधिक पवित्र और अच्छा माना जाता है। शिवजी के रुद्राभिषेक में दूध का विशेष उपयोग होता है। शिवलिंग का दूध से रुद्राभिषेक करने पर समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। सोमवार के दिन दूध का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है। जल में थोड़ा सा दूध डालकर स्नान करने से मानसिक तनाव दूर होता है और चिंताएं कम होती हैं।
Milk Rudrabhishek procedure
शास्त्रों में उल्लेख है कि दूध से रुद्राभिषेक करने के 2 तरीके सर्वाधिक प्रचलन में है।
देसी गाय के बिना मिलावट वाले दूध से शिवलिंग का अभिषेक अथवा रुद्राभिषेक करने पर समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जल के पात्र में थोड़ा सा दूध मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक अथवा रुद्राभिषेक करने पर मानसिक तनाव दूर होता है।
कृपया ध्यान रखें कि हमेशा कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए। यहां कच्चा दूध से तात्पर्य होता है, ऐसा दूध जो गाय माता से सीधे प्राप्त किया गया हो। पाश्चुरीकरण दूध, कच्चे दूध की श्रेणी में नहीं आता, क्योंकि वह पाश्चुरीकरण की प्रक्रिया से गुजर चुका होता है।
शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा क्यों चढ़ाया जाता है
हलाहल विष के सेवन के बाद शिवजी का शरीर नीला पड़कर तपने लगा परंतु फिर भी शिव पूर्णतः शांत थे लेकिन देवताओं और अश्विनी कुमारों ने सेवा भावना से भगवान शिव की तपन को शांत करने के लिए उन्हें जल चढ़ाया और विष का प्रभाव कम करने के लिए विजया (भांग का पौधा), बेलपत्र और धतूरे को दूध में मिलाकर भगवान शिव को औषधि रूप में पिलाया। तभी से लोग भगवान शिव को भांग भी चढ़ाने लगे।
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