क्या सचमुच दिमाग चलाने के लिए घी खाना जरूरी है - Bhopal Samachar GK

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आपने अक्सर सुना होगा, कुछ लोग कहते हैं कि मैंने इतना घी नहीं खाया जो आपसे बहस कर सकूं या फिर शास्त्रार्थ कर सकूं या फिर वाद-विवाद कर सकूं। यानी ऐसी कोई प्रक्रिया जिसमें दिमाग को तेजी से काम करना होता है, जैसे कोई क्विक क्वेश्चन आंसर राउंड या फिर कौन बनेगा करोड़पति जैसा जनरल नॉलेज क्विज प्रोग्राम, में जीतने के लिए शुद्ध घी खाना जरूरी होता है। आइए साइंस की किताब से पता करते हैं कि क्या सचमुच चाचा चौधरी जैसा तेज दिमाग चलाने के लिए शुद्ध घी खाना जरूरी है। 

दिमाग को कैसे पता चलता है कि भूख लगी है या चोट

हमारे ब्रेन से लेकर शरीर के हर अंग तक जाने वाली नसें (Nerve Fibers, हिंदी में; नर्व फाइबर्स), वैज्ञानिक नाम NEURON (न्यूरोन) या Nerve Cells, हमारे शरीर की सबसे लंबी कोशिका होती है। इन्हीं के माध्यम से मनुष्य का दिमाग, शरीर के सभी अंगों से कनेक्ट रहता है। भूख लगने से लेकर चोट लगने तक सभी प्रकार की सूचनाएं प्राप्त करता है और जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए पैरों को उठाने और मच्छर मारने के लिए हाथ को अपने ही गाल पर थप्पड़ मारने जैसे सभी प्रकार के आदेश देता है। 

चूंकि न्यूरोन एक जंतु कोशिका (Animal Cell) है और जंतु कोशिका की बाहरी परत प्लाज्मामेंब्रेन (Plasma Membrane) कहलाती है जो कि आमतौर पर लिपिड और प्रोटीन की बनी होती है और खास बात  है कि न्यूरोन की प्लाज्मामेंब्रेन मुख्य रूप से लिपिड (LIPID) की ही बनी होती है और जिसे "Myelin Sheath" कहते हैं। LIPID यानी ऐसे सभी पदार्थ जो जल में अघुलनशील होते हैं। इस लिस्ट में घी सबसे मुख्य पदार्थ है। यानी कि घी खाने से न्यूरोन की प्लाज्मामेंब्रेन बनती है, जिसके कारण दिमाग ठीक प्रकार से सूचनाएं प्राप्त कर सकता है और शरीर के सभी अंगों को आदेश दे सकता है। या फिर अपना काम कर सकता है।  

इसीलिए कहा जाता है कि, दिमाग चलाने के लिए शुद्ध घी खाना पड़ता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें।  

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