दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ की बाय डिफॉल्ट हिंदू राष्ट्र थ्योरी को रिजेक्ट किया - HINDI NEWS

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में सुनिश्चित विजय के नजदीक पहुंच चुकी कांग्रेस पार्टी में वैचारिक मतभेद भी दिखाई देने लगे हैं। पिछले दिनों सीएम कैंडिडेट श्री कमलनाथ ने कहा था कि भारत बाय डिफॉल्ट हिंदू राष्ट्र है, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के दूसरे सबसे पावरफुल नेता श्री दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ की इस थ्योरी को रिजेक्ट कर दिया है। 

भारत हिंदू राष्ट्र पर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के विचार

हिंदू राष्ट्र के ध्वजवाहक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को छिंदवाड़ा में कथा के लिए आयोजित करने के बाद उपस्थित हुए प्रश्नों का उत्तर देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सीएम कैंडिडेट श्री कमलनाथ ने कहा था कि, इस देश में 82% आबादी हिंदुओं की है। इसे हिंदू राष्ट्र कहने की जरूरत ही नहीं है, यह अपने आप में हिंदू राष्ट्र है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कमलनाथ की टूटी हुई कुर्सी को रिपेयर कर रहे श्री दिग्विजय सिंह ने आज हुबली कर्नाटक में कहा कि, ये हिंदू राष्ट्र या इस्लाम धर्म की बात नहीं है। यह देश सबका है। हमारे देश में हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमानों, ईसाइयों ने, सिखों ने, जैनियों ने, बौद्धों ने क्या देश की आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी? क्या शहीद भगत सिंह के साथ अशफाक उल्ला खान को फांसी नहीं दी गई? यह देश सब का है सब का सम्मान करना चाहिए। 

क्या कांग्रेस पार्टी विचारधारा के संकट से जूझ रही है

भारत में प्रत्येक पॉलिटिकल पार्टी की अपनी एक घोषित विचारधारा होती है और उसी के आधार पर पार्टी जनता के बीच जाकर अपने लिए समर्थन मांगती है। कांग्रेस पार्टी की भी अपनी विचारधारा हुआ करती थी परंतु लगता है, वर्तमान कांग्रेस पार्टी विचारधारा के संकट से जूझ रही है। श्री राहुल गांधी की अपनी (डरो मत) विचारधारा है। जबकि मध्य प्रदेश के नेता श्री कमलनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अपने अपने विचार हैं। इसके अलावा लगभग प्रत्येक राष्ट्रीय मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के सभी टॉप रैंक लीडर्स के अलग-अलग विचार होते हैं। उनके वैचारिक मतभेद, उनके बयानों में स्पष्ट रूप से दिखाई भी लेते हैं। कई बार तो ऐसा भी लगता है जैसे अपनी ही पार्टी के किसी नेता के विचार को अनुचित बताने के लिए एक नया बयान जारी किया जाता है। 

चुनावी माहौल है। कांग्रेस पार्टी को जनता के सामने अपने विचार स्पष्ट रूप से रखने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नेता उसी विचार के समर्थन में बयान जारी करें। यह डिजिटल इंडिया है। हुबली कर्नाटक में दिया गया बयान पलक झपकते ही मध्यप्रदेश में वायरल हो जाता है। यानी अब जैसे लोग वैसा बयान वाली पॉलिटिक्स नहीं चल सकती। 

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