अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण पर लगातार मुख्यमंत्री जी द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया दी जा रही है, मगर इनके भविष्य को या तो अन्य राज्यों की भांति नीति बनाकर सुरक्षित किया जा सकता है या फिर म.प्र मे अतिथि शिक्षकों का अलग कैडर बनाकर उनको वरिष्ठता के हिसाब से कार्यकाल का निर्धारण कर 5-10 साल का कार्यानुभव डीएड, बीएड व 2005, 8, 11, 22 की पात्रता परीक्षा को आधार बनाकर नियमित किया जा सकता है।
उसमें 3 सत्र व 200 दिन कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों के लिये 25% आरक्षण का जो लाभ दिया जा रहा है। उसे जारी रखा जाये ताकि कम समय सेवा देने वाले अतिथि शिक्षकों का भविष्य भी असुरक्षित न रहे, क्योंकि 5 जून से लगातार प्राथमिक शिक्षा पात्रता परीक्षा पास अभ्यार्थी भी 51000 पदों की मॉंग कर रहे है व डीपीआई के सामने प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे मे प्रदेश मे रिक्त 1.25 लाख प्राथमिक शिक्षक पदों को प्राथमिक शिक्षक पदों पर न्यायसंगत रोस्टर जारी कर नवीन 25000 पद सृजित कर इन अभ्यार्थियों को व बाकी बचे हुये रिक्त पदों पर प्रशिक्षित व परीक्षा पास अतिथि शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति देकर सरकार दोनो पक्षों को संतुष्ट कर सकती है।
प्रदेश मे कार्यरत अतिथि शिक्षक व घर बैठे अतिथि शिक्षकों की संख्या लाखों मे है। ऐसे मे सबको संतुष्ट करना असंभव है। इस प्रक्रिया से मुख्यमंत्री जी की रायसेन अंत्योदय मेला 11 मई 2013 की घोषणा जो अतिथि शिक्षकों के संबंध मे थी वह भी पूरी हो जायेगी। ✒ आशीष बिलथरिया, रायसेन
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