Legal general knowledge and law study notes
अमानक शराब एवं दवाई की बिक्री के मामले आए दिन सामने आते हैं। कभी-कभी पकड़ती है और थाना प्रभारी अपनी इच्छा और विवेक के आधार पर कानूनी कार्रवाई करते हैं क्योंकि आम जनता तो दूर की बात, नेता, पत्रकार और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी नहीं जानते कि, मध्यप्रदेश में अमानत शराब और दवाई बेचना भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है और इस अपराध के लिए मृत्युदंड तक का प्रावधान है। आइए आज अपन जानते हैं:-
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम,1982 की धारा 19 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति जानबूझकर लाइसेंस धारण करते हुए या अन्यथा भी; मानवीय उपयोग के लिए खराब मदिरा या किसी अपमिश्रित या गलत छाप वाली दवाओं की बिक्री करेगा अर्थात उपभोक्ता को बेचेगा। वह उपर्युक्त धारा 19 के अंतर्गत दोषी होगा, एवं दंडित किया जाएगा।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Act, 1982 Section 19 Punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं आजमानतीय अपराध है। इसमें पुलिस थाने से जमानत नहीं हो सकती। आरोपी की गिरफ्तारी संभव है। इनका विचारण सेशन कोर्ट द्वारा किया जाता है।
इस अपराध के लिए निम्न दण्ड का प्रावधान होगा:-
• इस दशा में उपभोग करने वाले व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है तब सजा मृत्युदंड या आजीवन कारावास से लेकर कम से कम 10 वर्षों तक की और जुर्माना भी होगा।
• जब किसी उपभोक्ता के स्वास्थ्य पर कोई भी हानिकारक प्रभाव होता है उस दशा में अधिकतम पाँच वर्ष की कारावास एवं जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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