MF Lite- पैसिव फंड इकोसिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नियम

Mutual Funds Lite Regulations के तहत कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। इसके तहत निष्क्रिय फंड्स में जान डालने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा पैसिव फंड इकोसिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। यहां बता दें कि पैसिव फंड का मतलब होता है, ऐसे म्यूच्यूअल फंड जिसमें फंड मैनेजर की भूमिका बहुत कम होती है। 

पैसिव फंड क्या है, MF Lite की जरूरत क्यों पड़ी

पैसिव फंड, इन्वेस्टमेंट का एक ऐसा माध्यम है जो मार्केट इंडेक्स और स्पेसिफिक मार्केट सेगमेंट को ट्रैक करता है। इनमें Passive index funds, Exchange traded funds (ETFs) और ETFs में निवेश करने वाले सभी फंड शामिल हैं। SEBI अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि मौजूदा म्यूच्यूअल फंड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क एक्टिव फंड मैनेज करने के लिए बनाया गया था। इसलिए MF Lite की आवश्यकता उपस्थित हुई है। नए नियमों से पैसिव फंडों की कंप्लायंस जरूरत है कम हो जाएंगी। 

कई नई सर्विस लांच होगी

सेबी ने कहा कि आने वाले वर्ष में कई नई सर्विस लॉन्च होने की उम्मीद है। ये वैश्विक स्तर पर पहली बार होंगा। इसमें इन्वेस्टर रिस्क रिडक्शन एक्सेस प्लेटफॉर्म जैसी सर्विस है। विशेष विंडो ब्रोकर - और साइबर सुरक्षा घटनाओं से निपटने के लिए एक SaaS-आधारित मॉडल भी लॉन्च होगा। इसके अलावा, सेबी के लिए एक प्रमुख क्षेत्रों के लिए आने वाले वर्षों में प्रतिभूति बाजार में वित्तीय समावेशन की सुविधा भी जारी करेगी। 

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