मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव 2023 में प्रत्याशी के चयन के लिए ट्रिपल लेवल सर्वे कराया जा रहा है। पहले स्तर पर पार्टी के पदाधिकारियों से रायशुमारी चल रही है। दूसरे स्तर पर कमलनाथ की प्रोफेशनल सर्वे कंपनियां काम कर रही हैं और तीसरे लेवल पर राहुल गांधी की टीम द्वारा कमलनाथ एवं मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा सुझाए गए दावेदारों का क्रॉस वेरिफिकेशन किया जा रहा है।
230 में से 150 टिकट कमलनाथ के लिए आरक्षित
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीट है। पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए 115 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली हाईकमान की ओर से कमलनाथ को 150 सीटों पर फ्री हैंड दिया गया है, इसके अलावा शेष सभी सीटों पर राहुल गांधी की टीम टिकट फाइनल करेगी। सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ के कोटे में जो सीटें आई हैं उनमें वर्तमान के सभी विधायकों की सीट भी शामिल हैं। यानी कमलनाथ फैसला करेंगे कि वर्तमान विधायक फिर से टिकट देना है या नहीं।
मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के कारण बनेगी कांग्रेस की सरकार
दिल्ली में राहुल गांधी की टीम का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा के कारण कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी सफलता मिली है। मध्यप्रदेश में भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण ही कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना है। इसके अलावा राहुल गांधी को विपक्षी दलों के नवीन गठबंधन I.N.D.I.A. का निर्विवाद नेता बनाने के लिए, पूरे भारत में उनकी टीम का मजबूत होना जरूरी है। इस बार राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है और अब वो नहीं चाहते कि उनकी कांग्रेस पार्टी में किसी भी राज्य स्तरीय नेता के कारण कोई नुकसान हो।
कमलनाथ ने भी भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी को अपना नेता माना था
AICC को अच्छी तरह से याद है कि, जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का ऐलान हुआ था तो कमलनाथ ने खुद को इससे अलग कर लिया था, लेकिन जब राहुल गांधी के साथ हजारों लोग सड़क पर पैदल चलते हुए दिखाई दिए तो कभी मॉर्निंग वॉक पर नहीं जाने वाले कमलनाथ राहुल गांधी के साथ सड़क पर पैदल चलने के लिए लालायित हो उठे। अब स्थिति यह है कि कमलनाथ ने राहुल गांधी के साथ अपने फोटोग्राफ्स सुनहरी फ्रेम में जड़वा रखे हैं।
कई नेताओं को दिल्ली बुलाया जा चुका है
AICC के सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय में मध्य प्रदेश के नेताओं का दिल्ली आना जाना काफी हुआ है। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह की विजिट ऑफिशियल थी परंतु कई नेताओं को बिना आधिकारिक सूचना के दिल्ली बुलाया गया और मीटिंग से पहले उनके मोबाइल फोन जमा करा लिए गए थे। यह सिलसिला लगातार जारी है।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।