मध्यप्रदेश में अब कुछ स्टूडेंट्स मनचाहे इंजीनियरिंग कॉलेज में सीधे प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। ना तो उन्हें किसी परीक्षा या काउंसलिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा और ना ही कक्षा 12 में उनके प्राप्तांक पर गौर किया जाएगा। दरअसल, मध्य प्रदेश के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों ने IPS कोटे में 20% सीटों की वृद्धि कर दी है। इस कोटे में मैनेजमेंट जिसे चाहे उसे एडमिशन दे सकता है।
मध्य प्रदेश के 12 इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीधे प्रवेश मिलेगा
पिछले 5 साल से मध्यप्रदेश में CSE- कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते कॉलेजों ने CSE सीटों की संख्या में भी वृद्धि की है। मध्य प्रदेश के करीब 12 कॉलेजों ने DTE- डिपार्टमेंट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से IPS कोटे के तहत सीटों की मांग की है। कॉलेज की ओर से इसके लिए सरकार को ₹20000 प्रति सीट अतिरिक्त अदा करने होंगे। यह पैसा सीधे प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से लिया जाएगा।
IPS QUOTA क्या होता है
IPS QUOTA के संदर्भ में IPS की फुल फॉर्म है Institutional Preference Seat, हिंदी में इंस्टीट्यूशनल प्रिफरेंस सीट्स। यानी मैनेजमेंट जिसे चाहे उसे एडमिशन दे सकता है। न्यूनतम योग्यता वाले को सभी प्रकार की प्रक्रिया से बाहर करके आउट ऑफ टर्न एडमिशन दिया जा सकता है। इसके लिए अतिरिक्त फीस ली जाती है। सरकार कॉलेज से इस प्रकार की एक सीट के बदले ₹20000 फीस लेती है परंतु विद्यार्थी से कितनी फीस लेनी है इसका निर्धारण कॉलेज करता है।
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