तहसीलदार कब कृषि भूमि पर कब्जा कर सकता है जानिए - MP Land Revenue Code,1959

Bhopal Samachar
जब कोई कृषि भूमि निवासी व्यक्ति पाँच वर्ष तक भूमि को नहीं जोतता है या कोई किसान भू-राजस्व का भुगतान नहीं करता है, तब तहसील के तहसीलदार को यह शक्ति प्राप्त होती है की वह ऐसी कृषि भूमि पर कब्जा स्थापित कर सकेगा जानिए।

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 176 की उपधारा (1) की परिभाषा

यदि कोई भू स्वामी जो अपने खाते पर स्वयं या अन्य द्वारा पाँच वर्ष तक खेती नहीं करता है, या भू राजस्व का भुगतान नहीं करता है और उस ग्राम को जिसमें वह रहता है छोड़ देता है,तब तहसीलदार ऐसी भूमि की जाँच करने के पश्चात जैसा वह ठीक समझे उस खाते में समाविष्ट भूमि का कब्जा ले सकेगा।
साथ ही ऐसी कृषि भूमि को एक वर्ष के लिए भूमिस्वामी की ओर से पट्टे पर देकर उस पर खेती की व्यवस्था कर सकेगा।

Madhya Pradesh Land Revenue Code, 1959 section 176 sub-section (1)

कुलमिलाकर यह धारा कहती है कि अगर कोई कृषि भूमि जो पाँच वर्ष से खाली पड़ी है अथवा किसी भूमि का भू-राजस्व भुगतान नहीं हुआ है, तब ऐसी भूमि को तहसीलदार कब्जा कर लीज पर भी दे सकता है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि कृषि भूमि पर नियमित रूप से खेती हो यह जिम्मेदारी तहसीलदार की है। यदि कोई किसान अपने खेत में फसल नहीं कर पा रहा है तो इस धारा के तहत तहसीलदार उस जमीन को मात्र 1 वर्ष के लिए किसी अन्य व्यक्ति को पट्टे पर देकर सुनिश्चित करेगा कि कृषि भूमि पर कृषि कार्य प्रारंभ हो जाए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!