मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के सर्वाधिकारी श्री कमलनाथ की टीम ने उनके मित्र पत्रकारों को 10 विधायकों की लिस्ट लीक करते हुए, यह बताया है कि विधानसभा चुनाव 2023 में इनको टिकट नहीं मिलेगा। इससे पहले कहा गया था कि कांग्रेस पार्टी के सभी वर्तमान विधायकों को टिकट दिया जाएगा।
MP CONGRESS KAMALANATH NEWS- किस विधायक का टिकट क्यों कट रहा है
1. मुरली मोरवाल (बड़नगर) - बेटे के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज हुआ है। इसके कारण काफी बदनामी हो गई है। यदि टिकट दिया तो सारी लाडली बहना भाजपा को वोट दे देंगी। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी नाराज हैं और फिर पिछली बार जीत का अंतर भी मात्र 5000 वोट था।
2. विक्रम सिंह नातीराजा (राजनगर) - अपनी जीत के प्रति खुद कॉन्फिडेंट नहीं है। इस बार टिकट के लिए अपनी पत्नी श्रीमती कविता सिंह का नाम आगे बढ़ा दिया है जबकि पूर्व विधायक श्री शंकर सिंह के बेटे श्री सिद्धार्थ सिंह बुंदेला टिकट के लिए पूरी ताकत से दावेदारी कर रहे हैं। पिछले चुनाव में जीत का अंतर मात्र 732 वोट था। राजनगर में टिकट श्रीमती कविता सिंह को देंगे तब भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पब्लिक विक्रम सिंह नातीराजा के आधार पर ही फैसला करेंगे।
3. नीरज दीक्षित (महाराजपुर) - नौगांव नगर पालिका अध्यक्ष अजय तिवारी और पूर्व सांसद प्रियव्रत चतुर्वेदी की बेटी निधि चतुर्वेदी ने कमलनाथ के कैंप में अपनी मजबूत स्थिति बना ली है। नीरज दीक्षित पिछले चुनाव में मात्र 4 हजार वोटों से जीते थे। स्थिति कमजोर है और कमलनाथ कैंप में भी इनके शुभचिंतकों की संख्या बहुत कम है।
4. सुनीता पटेल (गाडरवारा) - टिकट कटना तय है और इसके कई कारण है। द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार पब्लिक नाराज है और खुलकर विरोध कर रही है। जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि इस बार गाडरवारा से किसी भी पटेल को टिकट देना खतरनाक हो सकता है। यहां से या तो कौरव अथवा किसी ब्राह्मण को टिकट दिया जाना चाहिए।
5. तरबर सिंह लोधी (बंडा) - 2018 का चुनाव रिकॉर्ड अच्छा है। 24000 वोटों से जीते थे परंतु कमलनाथ कैंप में अपनी पकड़ नहीं बना पाए। सर्वे रिपोर्ट में परफॉर्मेंस खराब बता दी गई है। कोई खास लॉजिक नहीं है, पब्लिक भी विरोध में मुर्दाबाद के नारे नहीं लगा रही है लेकिन दलील दी गई है कि भाजपा ने वीरेंद्र सिंह को टिकट दे दिया इसलिए इस बार तरबर सिंह जीत नहीं पाएंगे। पूर्व विधायक नारायण प्रजापति टिकट हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
6. सुनील सराफ (कोतमा) - इनकी विधानसभा क्षेत्र के कुछ सरपंच-सचिव इनके खिलाफ लामबंद हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इनका संपर्क अच्छा नहीं है। इसलिए कमलनाथ के सामने इनके विरोधियों की परेड हो गई। इसी के आधार पर सुनील सर्राफ आपका टिकट काटने की तैयारी है।।।
7. देवेंद्र पटेल (उदयपुरा) - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले साहब और कमलनाथ के प्रिय साथियों में से एक संजय मसानी इस सीट पर सक्रिय हो चुके हैं। अब जब संजय मसानी को टिकट चाहिए तो, देवेंद्र पटेल की सर्वे रिपोर्ट कौन देखता है।
8. ग्यारसी लाल रावत (सेंधवा) - कोई बड़ा अपराध नहीं किया। दामन पर कोई दाग और माथे पर कोई कलंक भी नहीं है, लेकिन कमलनाथ की टीम में मौजूद कुछ प्रभावशाली लोग, ग्यारसी लाल रावत को पसंद नहीं करते और विकल्प की तलाश कर रहे हैं। जिला कांग्रेस कमेटी में उन लोगों की तलाश की जा रही है जो ग्यारसी लाल रावत के खिलाफ साहब के सामने आकर खड़े हो सकते हैं।
9. चंद्रभागा किराड़े (पानसेमल) - कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में चंद्रभागा किराड़े क्या जिस प्रकार से विरोध हुआ था। उसी समय तय हो गया था कि इनका टिकट कटना पक्का है। कमलनाथ ने अपनी सर्वे टीम को प्रकाश धुरिसंह खेड़कर की जांच पड़ताल करने के लिए कहा है।
10. मनोज चावला (आलोट) - टिकट की रेस में पूर्व विधायक प्रेमचंद्र गुड्डू दौड़ लगा रहे हैं। कमलनाथ की नजर में गुड्डू का वजन चावला से ज्यादा है। उनके मुंह को देखते हुए सर्वे टीम ने भी नेगेटिव मार्किंग कर दी है, लेकिन आलोट विधानसभा सीट पर प्रत्याशी चयन में आलोट के कांग्रेस पार्टी के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, क्योंकि कमलनाथ की पसंद होने के बावजूद प्रेमचंद गुड्डू की सर्वे रिपोर्ट अच्छी नहीं है।