मध्य प्रदेश की ग्वालियर पुलिस के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रतिष्ठित पत्रकार श्री अंशुल बाजपाई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 17 महिलाओं ने कोर्ट में बताया कि वह थाने में किसी और की शिकायत लेकर गई थी और पुलिस ने FIR में उनकी अनुमति और मर्जी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 376 दर्ज कर दी। एक लड़की ने तो यहां तक बताया कि पुलिस ने उसे पकड़कर जबरदस्ती उसके बॉयफ्रेंड के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवा दिया।
पति ने पिटाई की थी पुलिस ने रेप की FIR दर्ज कर ली
पत्रकार से अंशुल वाजपेई की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला ने न्यायालय को बताया कि, उसके पति ने उसके साथ मारपीट की थी। गुस्से में आकर वह अपने पति के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंच गई। उसे पता ही नहीं चला कब पुलिस ने उसके पति के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया। यह मामला बहोड़ापुर पुलिस थाने का है। जबकि ग्वालियर थाने में दर्ज हुई एक FIR में जिस लड़की को फरियादी बताया गया है उसने न्यायालय में बताएं कि, आरोपी उसका बॉयफ्रेंड है। पुलिस ने उन दोनों को पकड़ लिया। कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और दबाव बनाकर न्यायालय में बयान दर्ज करवा दिए।
ग्वालियर में रेप के मामलों में कॉमन पैटर्न
यह इन्वेस्टिगेशन का विषय है। पहले भी कई बार इस बारे में शक जताया जा चुका है। यदि आप ग्वालियर में दर्ज होने वाले बलात्कार के मामलों में FIR में दर्ज कहानियां पढ़ेंगे तो आपको कई कहानियों में समानता नजर आएगी। यहां तक कि कभी-कभी तो कुछ पैराग्राफ कॉपी पेस्ट किए गए लगते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं पुलिस की इन्वेस्टिगेशन का तरीका भी बिलकुल एक जैसा दिखाई देता है। एक कॉमन पैटर्न है जो ग्वालियर पुलिस के कई थानों में बलात्कार के मामलों में नजर आता है। यह भी पता चला है कि ग्वालियर पुलिस के कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलकर कुछ लड़कियां लोगों को हनी ट्रैप का शिकार बनाती हैं और फिर उनके खिलाफ रेप के मामले दर्ज किए जाते हैं।
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