MP NEWS- 33000 वोट सहित एक और सिंधिया समर्थक वापसी की ओर, सकलेचा संकट में

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी में वापस लौट रहे सिंधिया समर्थकों की लिस्ट में एक और नाम जुड़ने वाला है। जावद विधानसभा सीट से समंदर पटेल, कांग्रेस पार्टी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। उनके पास 33000 मतदाताओं का व्यक्तिगत समर्थन है। यदि सभी मतदाता उनके प्रति निष्ठावान बने रहे तो कैबिनेट मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा की सीट संकट में आ जाएगी। 

कृपया नोट करें, जनाधार वाले सिंधिया समर्थक कांग्रेस में वापस लौट रहे हैं

मध्य प्रदेश में सन 2019 में बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। यह इवेंट इतना बड़ा था कि, अपने ही समर्थक के सामने लोकसभा चुनाव हार जाने वाले श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा के जरिए ना केवल केंद्रीय मंत्री बनाया गया। बल्कि मध्यप्रदेश में महत्व भी दिया गया, लेकिन अब एक-एक करके उनके समर्थक कांग्रेस पार्टी में वापस जा रहे हैं। लिस्ट लंबी है लेकिन संक्षिप्त में इतना कहा जा सकता है कि कांग्रेसमें वापस लौटने वाले नेताओं के पास अपना प्रभावशाली जनाधार भी है। 

जावद विधानसभा की कुंडली - सकलेचा संकट में क्यों है

जावद विधानसभा से विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा के पिता स्वर्गीय श्री वीरेंद्र सकलेचा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उन्होंने लगातार 5 चुनाव जीते। उनके बाद उनके उत्तराधिकारी श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने लगातार चार चुनाव जीते। यानी कुल मिलाकर 9 चुनाव से सकलेचा परिवार जावद विधानसभा का प्रतिनिधित्व करता रहा है, लेकिन चुनावी आंकड़े बताते हैं कि श्री सकलेचा में जनता का विश्वास कम हुआ है। 

2008 के विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर मात्र 4765 वोट था, वह भी तब जब भेरू दादा को 18114 वोट मिले। 
2013 के विधानसभा चुनाव में राजकुमार रमेश चंद्र अहीर के कारण त्रिकोणीय मुकाबला हुआ और इसका फायदा श्री ओमप्रकाश सकलेचा को मिला। जीत का अंतर 13651 था। 

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सिंधिया समर्थक समंदर पटेल निर्दलीय चुनाव लड़े। उन्होंने 33712 वोट प्राप्त किए। इसके कारण कांग्रेस के वोट एक बार फिर दो हिस्सों में बट गए। इसके बावजूद श्री ओमप्रकाश सकलेचा मात्र 4271 वोट से जीत पाए। 

अब सकलेचा विरोधियों के पास में एक आंकड़ा है। बहुत संभावना है कि इस बार कांग्रेस पार्टी में कोई बगावत नहीं होगी। यानी सकलेचा के सामने सिर्फ एक प्रत्याशी होगा। पिछली बार समंदर पटेल ने कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचा दिया था लेकिन यदि पिछले चुनावी आंकड़ों में समंदर पटेल के 33712 वोट कांग्रेस पार्टी के 48045 फोटो में मिला दिए जाएं, तो श्री ओमप्रकाश सकलेचा कम से कम 25000 वोटों से चुनाव हार रहे हैं। 

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