मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने MPESB द्वारा मध्य प्रदेश शासन के 31 विभागों में भर्ती हेतु आयोजित समूह-3 सब इंजीनियर एवं अन्य संयुक्त भर्ती परीक्षा के बाद हुई सभी नियुक्तियों को हाई कोर्ट में प्रस्तुत हुई दिव्यांग आरक्षण गड़बड़ी का दावा करने वाली याचिका के निर्णय के अध्याधीन घोषित कर दिया है।
MPESB ने दिव्यांगों को जाति आधारित आरक्षण श्रेणी में बांट दिया
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा समूह-3 उपयंत्री, मानचित्रकार, समय पाल एवं समकक्ष पदों की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा 2022 के माध्यम से शासन के 31 विभागों में लगभग 3000 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की गई है। उपरोक्त सरकारी नौकरी के लिए मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल द्वारा भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया। अधिवक्ता श्री ठाकुर का दावा है कि MPESB ने उक्त भर्ती परीक्षा में नियम विरुद्ध कट ऑफ लिस्ट जारी की। इसमें दिव्यांगों को चार प्रकार (विजुअल हैंडिकैप्ड, ईयर हैंडिकैप्ड, लोको मोटर डिसेबिलिटी और मेंटल डिसेबिलिटी) की श्रेणियों में विभाजित किया। उक्त चारों श्रेणियों को 1.5%X4=6% हॉरिजॉन्टल आरक्षण दिए जाने का नियम है लेकिन कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा नियम विरुद्ध सभी दिव्यांगों को उनकी जातियों की श्रेणी ओबीसी, SC-ST एवं जनरल में शामिल करके मेरिट लिस्ट जारी कर दी।
मेरिट वाले होल्ड, नीचे वालों को सरकारी नौकरी
इस मेरिट लिस्ट में अनारक्षित वर्ग का कटऑफ कम और आरक्षित वर्ग का कटऑफ अधिक है। गलती सामने आने के बाद भी शासन ने 31 में से 22 विभागों में कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी तथा ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को इंदौर हाईकोर्ट के आदेश का मौखिक हवाला देकर होल्ड कर दिया। जबकि दिव्यांगों को प्राप्त होने वाला 6% आरक्षण निर्विवाद है। यह जाति आधारित आरक्षण से अलग है।
याचिकाकर्ता प्रियंका सोनी (लोकोमोटिव डिसएबल) के अंक 100.42 हैं। उन्होंने 27 विभागों में नियुक्ति हेतु चॉइस फिलिंग की थी। जल संसाधन विभाग की सिलेक्शन लिस्ट में उनका नाम भी है परंतु उनका नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। जबकि इसी श्रेणी में 87.64 अंक वाले उम्मीदवार को नियुक्ति प्रदान कर दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने अपने सहयोगी अधिवक्ता श्री राम भजन लोधी के साथ आज 2 अगस्त को उच्च न्यायालय में जस्टिस श्री महेंद्र सिंह भट्टी की खंडपीठ के समक्ष विवरण प्रस्तुत किया एवं भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी। विद्वान न्यायाधीश श्री महेंद्र सिंह भट्टी द्वारा समस्त भर्तियों को इस याचिका के निर्णय के अधीन करके नोटिस जारी किए गए। अगली सुनवाई दिनांक 7/8/23 को याचिका क्रमांक 15365/23 के साथ निर्धारित की गई है।
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