मध्य प्रदेश के नवगठित जिले मऊगंज में रविवार अवकाश के दिन कलेक्टर एसपी की पदस्थापना की गई और कुछ ही देर बाद सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा कलेक्टर बदल दिए गए। पहले आदेश में सोनिया मीना को कलेक्टर बनाया गया था परंतु कुछ ही देर बाद दूसरा आदेश जारी हुआ जिसमें श्री अजय श्रीवास्तव को मध्य प्रदेश के 53वें जिले मऊगंज का पहला कलेक्टर नियुक्त किया गया है।
मऊगंज जिले के पहले कलेक्टर अजय श्रीवास्तव IAS 2013
मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय से जारी आदेश क्रमांक ई-1 / 150/2023/5 / एक भोपाल, दिनांक 13 अगस्त, 2023 में लिखा है कि, श्री अजय श्रीवास्तव, भाप्रसे (2013) अपर आयुक्त, आदिवासी विकास, मध्यप्रदेश, भोपाल तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल ( अतिरिक्त प्रभार) को अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक स्थानापन्न रूप से कलेक्टर, जिला मऊगंज के पद पर पदस्थ किया जाता है।
इस विभाग के समसंख्यक आदेश दिनांक 13 अगस्त, 2023 द्वारा सुश्री सोनिया मीना, भाप्रसे (2013), संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, मध्यप्रदेश, भोपाल तथा प्रबंध संचालक, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, भोपाल तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद ( MAPCET) ( अतिरिक्त प्रभार) को कलेक्टर, जिला मऊगंज पदस्थ किया गया था, एतद् द्वारा निरस्त किया जाता है।
सोनिया मीना आईएएस का पदस्थापना आदेश क्यों निरस्त किया गया
दरअसल, सोनिया मीना और पुलिस डिपार्टमेंट के बीच पुरानी रार है। नवंबर 2022 में सोनिया मीना जब अनूपपुर की कलेक्टर थी तब अनूपपुर के एसपी श्री अखिल कुमार पटेल आईपीएस का ट्रांसफर करवा दिया था। मध्यप्रदेश में कलेक्टर और एसपी के बीच तनाव के मामले हमेशा सामने आते रहते हैं परंतु इस प्रकार से प्रशासनिक पावर का उपयोग इससे पहले कभी नहीं किया गया था। इस बात को लेकर पुलिस डिपार्टमेंट के आला अधिकारी भी नाराज है। जैसे ही सोनिया मीना को मध्य प्रदेश के नए जिले का पहला कलेक्टर नियुक्त किए जाने का समाचार प्रसारित हुआ, हमारे सूत्रों का कहना है कि पुलिस डिपार्टमेंट के आला अधिकारियों ने इस पदस्थापना पर अनऑफिशियल आपत्ति जताई।
हाईकोर्ट ने डांटा था, मुख्यमंत्री ने अनूपपुर से हटा दिया था
इसके अलावा जबलपुर स्टेट हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश ने दिनेश राव समिति प्रबंधक निगवानी के मामले में सोनिया मीना को पद के दुरुपयोग का दोषी मानते हुए ₹10000 का जुर्माना लगाया था। सिर्फ इतना ही नहीं 6 महीने पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अमरकंटक प्रवास के दौरान पब्लिक ने खुलेआम यह बताया था कि उन्हें मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान की स्वीकृति पत्र वितरित नहीं किए गए हैं। इस बात से मुख्यमंत्री काफी नाराज हो गए थे उन्होंने भरे मंच से कहा था कि, 2 दिनों में स्वीकृत पत्र ना बांटे तो 181 पर फोन करना। नहीं बांटने वालों को मैं देख लूंगा। उनके जाने के कुछ ही देर बाद सोनिया मीना का ट्रांसफर आर्डर जारी हो गया था।
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