कहा जाता है कि सरकार का चुनाव जनता करती है परंतु असली शासन ब्यूरोक्रेट्स करते हैं। कल हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी एक झलक दिखाई दी। भोपाल की बहुमूल्य जमीन एक खास व्यक्ति को बेचने के लिए ब्यूरोक्रेसी की तरफ से प्रस्ताव आया। मंत्री परिषद ने नामंजूर कर दिया तो प्रस्ताव लाने वाले अफसर बहस करने लग गए। उनका कहना है कि वह शासन की चिंता कर रहे थे, परंतु सब जानते हैं कि उनको किस की चिंता है।
BHOPAL NEWS- डीबी सिटी के सामने का प्लॉट भी बेचना है, नीलामी 72.23 करोड़ से शुरू
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एमपी नगर की हर लोकेशन प्राइम लोकेशन है। यहीं पर पॉश इलाके में सरकारी जमीन है। सरकारी जमीन को बेचना चाहती है। अफसर साहब ने कुछ ऐसे मंत्र पढ़े कि केवल एक व्यक्ति ने इस जमीन को खरीदने में रुचि दिखाई। अफसर साहब ने फटाफट प्रस्ताव तैयार किया और कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत कर दिया। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, कमल पटेल, तुलसी सिलावट और डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने प्रस्ताव नामंजूर कर दिया। अफसर साहब को पसंद नहीं आया। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में बहस करना शुरू कर दिया। सरकार को डराना शुरू कर दिया। कहने लगी कि अभी प्रस्ताव पास नहीं किया तो फिर यह जमीन कभी नहीं मिल पाएगी। इसको कोई नहीं खरीदेगा।
माहौल गर्म होते देख सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी मंत्री परिषद का समर्थन करते हुए कहा कि, केवल एक BID सही नहीं है। दोबारा टेंडर कराइए। अफसर साहब, मुख्यमंत्री से भिड़ गए। कहने लगी कि अभी तो एक BID आ गई है। यदि दूसरा टेंडर करवाया तो एक भी नहीं आएगा। कुल मिलाकर, एक ब्यूरोक्रेट की धमकी के साथ एमपी नगर के पॉश इलाके की बहुमूल्य जमीन को बेचने का फैसला फिलहाल टल गया है। अब देखना यह है कि खरीदार के प्यार में सर साहेब क्या-क्या कर।
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