मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह नगर ग्वालियर में बिजली कंपनी के अधिकारियों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम की उस समय बिजली काट दी जब मुख्यमंत्री उपस्थित प्रबुद्ध नागरिकों से संवाद करने वाले थे। कार्यक्रम में कलेक्टर स्वयं मौजूद थे। उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई, लेकिन बिजली नहीं आई।
ग्वालियर के बाल भवन में मुख्यमंत्री का प्रबुद्ध नागरिकों से संवाद कार्यक्रम था
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज्यादा से ज्यादा लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। ताकि सरकार की स्थिति का पता चल सके और यदि कोई फैसला करना है तो आचार संहिता लागू होने से पहले वह फैसला किया जा सके। इसी क्रम में ग्वालियर में प्रबुद्ध नागरिकों के साथ मुख्यमंत्री का संवाद कार्यक्रम बाल भवन में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में ग्वालियर के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ कार्यक्रम संयोजक के तौर पर कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह स्वयं मौजूद थे। प्रबुद्ध नागरिकों में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सतीश चतुर्वेदी एवं सदस्य श्री वीके सारस्वत जैसे लोग भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री आने ही वाले थे कि लाइट काट दी गई
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वर्चुअल प्रजेंट होने वाले थे। वह ऑनलाइन आने वाले थे ठीक उसी समय बिजली काट दी गई। मंच पर मौजूद कलेक्टर ने वहीं से बिजली विभाग के अधिकारियों को मोबाइल कॉल किया और जमकर फटकार लगाई लेकिन कलेक्टर की फटकार का भी कोई असर नहीं हुआ। आधे घंटे तक बिजली नहीं आई।
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि मध्यप्रदेश में किसी भी तकनीकी खराबी के कारण अथवा मेंटेनेंस के लिए बिजली जाने की घटनाएं बहुत कम होती है। कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक सब जानते हैं कि कुछ खास लोगों को बिजली देने के लिए कई इलाकों की सप्लाई 30 मिनट से लेकर 3 घंटे तक काट दी जाती है।
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