मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए वार्ड प्रभारी को छिंदवाड़ा ट्रांसफर कर दिया गया है। बताया गया है कि भोपाल में रहते हुए अभियोजन की कार्रवाई को प्रभावित किए जाने का खतरा था इसलिए ट्रांसफर किया गया लेकिन सवाल यह है कि क्या कोई गारंटी पूर्वक कह सकता है कि छिंदवाड़ा में कोई गड़बड़ नहीं होगी।
नगर निगम, भोपाल में टैक्स सेटेलमेंट के नाम पर रिश्वतखोरी
दिनांक 6 जून को भोपाल के वार्ड क्रमांक 81 के प्रभारी श्री कैलाश यादव (सहायक राजस्व निरीक्षक) को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वतखोरी के मामले में नामजद किया था। बताया था कि श्री अरुण राय नाम के व्यक्ति ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की थी एवं एविडेंस के तौर पर रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई थी। बताया था कि टैक्स सेटेलमेंट के नाम पर ₹6000 की रिश्वत मांगी जा रही है। नहीं देने पर परेशानियां बढ़ जाएंगी, ऐसी धमकी दी गई है। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा वार्ड प्रभारी श्री कैलाश यादव के अलावा जोनल ऑफिसर श्री मयंक जाट को भी पूछताछ के लिए राउंडअप किया गया था।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद विभागीय कार्रवाई की जानी थी। ऐसे मामलों में लोकायुक्त पुलिस की इन्वेस्टिगेशन होने तक कर्मचारी को निलंबित रखा जाता है, लेकिन इस मामले में अधिकारी को भोपाल से छिंदवाड़ा ट्रांसफर कर दिया गया है। यानी अब छिंदवाड़ा में रिश्वतखोरी का खतरा है। रेफरेंस के लिए उल्लेख अनिवार्य है कि शिवपुरी जिले के बदरवास जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर एक ऐसे व्यक्ति की पदस्थापना की गई है जो लोकायुक्त पुलिस द्वारा अब तक 4 बार पकड़ा जा चुका है। शिवपुरी के पत्रकारों ने इस अधिकारी को आदतन रिश्वतखोर नाम दिया हुआ है।
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