मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा और मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा के बाद अब मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी का मामला सामने आ गया है। इस बार कॉलेज मैनेजमेंट ने परीक्षा आयोजित कराने वाली EDUQUITY कंपनी के कर्मचारी को पकड़ा और FIR दर्ज करवाई। मैनेजमेंट ने आरोप लगाया है कि कंपनी का कर्मचारी कंप्यूटर लैब में सिस्टम से छेड़छाड़ कर रहा था और एक ऐसा सॉफ्टवेयर लोड कर रहा था जिससे सिस्टम को रिमोट पर लेकर परीक्षा केंद्र के बाहर से ऑपरेट किया जा सकता है।
परीक्षार्थी सिर्फ परीक्षा देने की एक्टिंग करता है, पेपर बाहर से सॉल्व होता है
बता दें कि इस प्रकार के सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर सिस्टम रिमोट पर चला जाता है। यानी परीक्षा केंद्र में बैठा हुए परीक्षार्थी का कंप्यूटर बाहर बैठा कोई दूसरा व्यक्ति ऑपरेट करता है। परीक्षार्थी केवल परीक्षा केंद्र में बैठकर परीक्षा देने की एक्टिंग करता है। उसे अपनी स्क्रीन पर सब कुछ चलता हुआ दिखाई देता है। उसे केवल कीबोर्ड और माउस पर अपने हाथ चलाते रहना पड़ता है, ताकि सीसीटीवी कैमरा और परीक्षा केंद्र पर मौजूद निरीक्षण करने वाले अधिकारी-कर्मचारी उसे पकड़ नहीं पाए।
SPU, Balaghat के डिप्टी रजिस्ट्रार ने बताया- हमने उसे रंगे हाथों पकड़ा है
सरदार पटेल यूनिवर्सिटी बालाघाट के डिप्टी रजिस्ट्रार (एग्जाम) सूर्यप्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें कॉलेज के स्टाफ ने सूचना दी कि एक व्यक्ति कम्प्यूटर लैब में सिस्टम से छेड़छाड़ कर रहा है। वे तुरंत पहुंचे और उसे सिस्टम में छेड़छाड़ करते हुए पकड़ लिया। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। आरोपी का नाम अंकित पिछोड़े है। वह परीक्षा कराने वाली कंपनी EDUQUITY के लिए काम करता है।
पुलिस ने 7 दिन बाद भी सीसीटीवी रिकॉर्ड कलेक्ट तक नहीं किया
पुलिस ने 17 अगस्त को FIR दर्ज कर ली थी, लेकिन मामले को प्रेस और पब्लिक से छुपा कर रखा गया है। जांच के नाम पर क्या हो रहा है पता नहीं लेकिन कॉलेज से पता चला है कि पुलिस ने उनसे परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी रिकॉर्ड नहीं मांगे। वारासिवनी टीआई शंकर सिंह चौहान ने सिर्फ इतना कहा कि 17 अगस्त को कॉलेज प्रबंधन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एसपी के निर्देशन में जांच चल रही है, इसलिए इसमें ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता।
एसपी ने कहा- हम सिस्टम से छेड़छाड़ की जांच नहीं कर रहे
प्रतिष्ठित पत्रकार श्री योगेश पांडे के अनुसार बालाघाट के एसपी श्री समीर सौरभ ने उन्हें बताया कि, कॉलेज प्रबंधन की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। अभी ये बताना मुश्किल है कि उस कर्मचारी का क्या रोल है? जिस व्यक्ति को लैब में प्रवेश की अथॉरिटी तक नहीं थी, वह लैब में ही पकड़ा गया था। वहां के लोकल सुपरवाइजर ने एफआईआर कराई थी। बस यही मैटर है।
आरोपी के फोन में ग्वालियर के नंबर मिले हैं, बस उसकी जांच कर रहे हैं
उसमें कोई छेड़छाड़ की जानकारी अब तक नहीं मिली है। उसके फोन से मिली डिटेल्स के आधार पर हमने टीम लगाई थी, उसमें भी कोई सुराग नहीं मिले हैं। हमारी जांच का एंगल सिर्फ ये है कि वो वहां क्यों गया था? उसके फोन में ग्वालियर के कुछ लोगों के नंबर थे, बस उसी की जांच कर रहे हैं। अब तक उसमें भी कुछ खास हाथ नहीं लगा है।
कॉलेज प्रबंधन का आरोप- हमने तो सिस्टम में छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखाई है
पत्रकार श्री योगेश पांडे के अनुसार, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी प्रबंधन से जुड़े मनमीत सिंह ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड की तरफ से एग्जाम कराने आई कंपनी के ही 4-5 लोग परीक्षार्थियों को नकल करा रहे थे। हमारे एग्जाम सेंटर के सुपरिटेंडेंट ने उनको पकड़ लिया। इसके बाद हमने FIR कराई। एग्जाम कराने वाली कंपनी का नाम EDUQUITY है। ये लोग टेक्निकल सपोर्ट के लिए यहां आते रहते हैं। ये ही लोग नकल करा रहे थे।
मनमीत ने बताया कि वो कम्यूटर लैब में थे, जहां बिना परमिशन किसी का भी जाना प्रतिबंधित है। इनमें से एक उस लैब में बैठा था और कम्प्यूटर की सेटिंग में छेड़छाड़ करके कुछ सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर रहा था। ऐसा सॉफ्टवेयर जिससे सिस्टम का क्लोन बन जाता है और बाहर से परीक्षा का पर्चा दिया जा सकता है।
इसके बाद हमने 17 अगस्त को एग्जाम के दौरान ही पुलिस को जानकारी दी और FIR कराई। इस सूचना के बाद थोड़ी ही देर में आला अफसर वहां पहुंच गए थे। मनमीत ने कम्प्यूटर क्लोन बनाने की जो बात कही, उसका आशय सिस्टम को रिमोट पर लेने से है।
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