मध्य प्रदेश शासन के तकनीकी कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारियों की चयन परीक्षा 2022 के बाद नियुक्तियों में व्यापक पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थी सर्वश्री दीक्षा वर्मा, पूर्णना लोन्हारे तथा शिवम चौरसिया ने अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश में याचिका दाखिल करके प्रक्रिया को चुनौती दी है। इस याचिका की प्रथम सुनवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश जस्टिस जी एस अहलूवालिया ने की।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट को बताया कि सभी याचिकाकर्ता अनारक्षित वर्ग से हैं। सभी ने मेरिट में उच्च स्थान प्राप्त किया है परंतु उन्हें नियुक्त नहीं किया गया जबकि याचिकाकर्ताओं से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को दिनांक 30 जून 2023 को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए। इसके अलावा अनारक्षित वर्ग में आरक्षित वर्ग के मेरिट होल्डर्स को चयनित नहीं किया गया। इसके कारण आरक्षित वर्ग का कट ऑफ गड़बड़ हो गया।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अधिवक्ता श्री ठाकुर के तर्कों से सहमत होते हुए समस्त संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किए एवं भर्ती प्रक्रिया को इस याचिका के निर्णय के अध्याधीन घोषित कर दिया। ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।