Legal general knowledge and law study notes
मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रावधान है कि अवैध कॉलोनी अथवा नॉन रेजिडेंशियल जमीन पर बिल्डिंग परमिशन नहीं दी जा सकती, परंतु फिर भी यदि कोई अधिकारी ऐसी जमीन पर भवन निर्माण के लिए नक्शा मंजूर करेगा, भवन निर्माण की अनुमति देगा, तो उसके खिलाफ किस प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है, पढ़िए:-मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 30 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति अवैध भूमि परिवर्तन या अवैध कॉलोनी निर्माण के क्षेत्र में:-
1. भवन के निर्माण के लिए ले-आउट मंजूर करने या नक्शा मंजूर करने की शक्ति रखने वाला अधिकारी होते हुए ऐसा ले आउट या नक्शा मंजूर करेगा जो सही नहीं है अवैध है।
2. अगर अधिकारी होते हुए किसी भवन निर्माण क्षेत्र की गलत रिपोर्ट तैयार करेगा या सही रिपोर्ट का जानबूझकर लोप करेगा तब वह अधिकारी अवैध निर्माण के दुष्प्रेरण के अपराध के लिए दण्डित होगा।
Madhya Pradesh Prevention of Specified Corrupt Practices Act, 1982 Section 30 Punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है, पुलिस अधिकारी विभागीय अनुमति प्राप्त करने के बाद एफआईआर द्वारा मामले का संज्ञान लेगा, इनका विचारण किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट या सेशन कोर्ट द्वारा किया जा सकता है सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम एक वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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