मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गरीब, निर्धन व्यक्ति जिनके पास आवास, भूमि नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटन किया जाता है और भूमिहीन व्यक्तियों के लिए शासन द्वारा भूमि आवंटित की जाती है। ऐसे में भूमि आवंटन करने वाला कोई अधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति को भूमि, मकान, प्लॉट, खेत, आदि आवंटन कर देता है,, जो वास्तव में वह व्यक्ति नहीं है अर्थात व्यक्ति की सही जानकारी न देकर किसी अन्य के नाम पर भूमि, आवास एवं फ्लैट आवंटन करता है तब किस कानून के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम,1982 की धारा 32 (ख) की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति राज्य सरकार के अधीन आवंटन अधिकारी होते हुए जानबूझकर कर किसी भूमि, भू-खण्ड, गृह, फ्लैट आदि में दुर्व्यपदेशन करके आवंटित करेगा वह अधिकारी धारा 32ख के अंतर्गत दोषी होगा। सरल हिंदी में, यदि कोई आवंटन अधिकारी किसी अपात्र व्यक्ति को शासकीय योजना के तहत किसी भी प्रकार का आवास अथवा कृषि भूमि आधी आवंटित कर देता है तो वह मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1982 की धारा 32-ख के तहत अपराधी माना जाएगा।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Prevention Act, 1982 section 32(B) punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध हैं लेकिन अधिकारी पर मामला दर्ज करने से पहले सक्षम उच्च अधिकारी या समुचित सरकार से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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