Madhya Pradesh Land Revenue Code, 1959 Section 176 Sub-section 03
जब किसी व्यक्ति की भूमि पर तहसीलदार विधिक तौर पर कब्जा कर लेता है एवं कब्जा के तीन साल तक भूमि का स्वामी दावा नहीं करता है, तब कृषि भूमि तहसीलदार की घोषणा उपरांत राज्य सरकार की संपत्ति में निहित हो जाएगी जानिए कानूनी प्रावधान।
मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता,1959 की धारा 176 की उपधारा 03 की परिभाषा
जहाँ कोई व्यक्ति तहसीलदार की कब्जा भूमि पर निर्धारित समय सीमा तक दावा-आपत्ति नहीं करता है या कोई दावा-आपत्ति ना मंजूर हो जाता है और उस पर अपील भी नहीं होती तब तहसीलदार से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर उपखण्ड अधिकारी (एसडीओ) जाँच करने के उपरांत उस खाते को परित्यक्त घोषित करते हुए आदेश करेगा कि वह खाता ऐसी तारीख से जो उस आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए राज्य सरकार में पूर्ण रूप से निहित हो जाएगा।
जानने योग्य जानकारी:-
"यहाँ आपको एक बात याद रहे मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 57 भी कहती हैं कि राज्य की समस्त भूमि पर राज्य सरकार का स्वामित्व होता है और संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद 31 जो संपति का मूल अधिकार था उसे हटा दिया है अब संपत्ति का अधिकार सिर्फ कानूनी अधिकार रहा है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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