मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। एक कन्या का जन्म हुआ और वह अपने जन्म के समय गर्भवती थी। उसने जन्म से पहले गर्भधारण कर दिया था। यानी भ्रूण के अंदर भ्रूण विकसित हो रहा था। AIIMS BHOPAL में एक जटिल ऑपरेशन करके इसे अलग किया गया।
सतना वाले डॉक्टर ने कैंसर बता दिया था
AIIMS BHOPAL के डॉक्टरों ने बताया कि, यह लड़की सतना से रेफर कर आई है। वहां के डॉक्टर ने लड़की के पेट में कैंसर की आशंका बता कर उसे एम्स भोपाल भेजा था। परिजनों ने बताया कि लड़की के जन्म के 15वें दिन, उसका पेट फूलने लगा था और पेट में दर्द होने लगा था। सतना का डॉक्टर ने इस बारे में किसी विशेषज्ञ से मशवरा भी नहीं किया और लड़की को कैंसर पता करो भोपाल रेफर कर दिया परंतु यह फैसला लड़की के लिए जान बचाने वाला साबित हुआ।
डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी को फीड्स इन फीटू ( भ्रूण के अंदर भ्रूण) कहा जाता है। लड़की का पेट लगातार फूलता जा रहा था। अल्ट्रासाउंड में स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि उसके पेट में एक और भ्रूण विकसित हो रहा है। उसकी रीढ़ की हड्डी, सिर और पैर बन गए थे। यानी शरीर का ढांचा बनकर तैयार हो गया था लेकिन पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया था। आंत और तिल्ली की नस भ्रूण से चिपक गई थी। इन नसों को बिना कांटे अलग-अलग करना था, इसलिए सर्जरी बेहद कठिन हो गई थी। आधा दर्जन डॉक्टर की टीम ने 3 घंटे में ऑपरेशन के जरिए 300 ग्राम का जुड़वा भ्रूण निकला।
लड़की को 1 सप्ताह तक ऑब्जर्वेशन में रखा फिर उसे घर जाने दिया। एक महीने बाद फॉलोअप के लिए बुलाया। अब कंफर्म किया गया है कि लड़की पूरी तरह से सुरक्षित है। उसकी जान को कोई खतरा नहीं है और अब एक सामान्य कन्या है।
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