ZOMATO- शेयर के दाम बढ़ते ही ग्राहकों से एक्स्ट्रा फीस वसूली शुरू, MOBILE APP का किराया लेंगे

Bhopal Samachar
फूड डिलीवरी कंपनी ZOMATO केसर के दामों में वृद्धि क्या हुई कंपनी इतराने लग गई है। उसने ग्राहकों से प्रत्येक आर्डर पर ₹2 प्लेटफॉर्म फीस वसूलना शुरू कर दिया है। यह वसूली तब की जा रही है जबकि कंपनी की तरफ से खाना बनाने वाले रेस्टोरेंट से कमीशन भी लिया जाता है और यह 30% तक होता है। 

2-2 रुपए करके कुल कितना पैसा कमा लेगी ZOMATO 

इस तरह की वृद्धि पर भारत में ज्यादातर ग्राहक कहते हैं कि ₹2 से क्या होता है। आइए हम बताते हैं कि प्रत्येक आर्डर पर मात्र ₹2 की वृद्धि से ZOMATO को कुल कितने रुपए का फायदा होगा। जेपी मॉर्गन के एक नोट के अनुसार जोमैटो पर जून तिमाही में करीब 17.6 करोड़ ऑर्डर आए थे। इसका मतलब हुआ कि कंपनी को औसतन हर रोज 20 लाख ऑर्डर आते हैं। इस तरह देखा जाए तो कंपनी को हर रोज 40 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। अगर महीने के हिसाब से देखा जाए तो कंपनी की 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। जबकि इसके लिए कंपनी को कोई एक्स्ट्रा एफर्ट नहीं लगाने पड़ेंगे। 

प्लेटफार्म फीस क्या होती है

सरल हिंदी में प्लेटफार्म फीस का मतलब होता है उनका मोबाइल ऐप यूज करने के बदले किराया देना। यह बिल्कुल ऐसा हुआ जैसे आप किसी दुकान के काउंटर पर जाकर खड़े हो जाएं तो वह दुकानदार आपसे खड़े रहने के लिए एक न्यूनतम निर्धारित फीस की वसूली करें फिर चाहे आप कितना भी सामान क्यों ना खरीदें। या फिर जैसे कुछ मिले या एग्जीबिशन में एंट्री फीस टिकट लगता है, प्लेटफॉर्म फीस बिल्कुल वैसी ही है। मजेदार बात यह है कि, जो लोग मोबाइल ऐप पर ऑर्डर नहीं करेंगे उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी, लेकिन ऑर्डर करने वालों को फीस अदा करनी पड़ेगी। 

ZOMATO इतना इतरा क्यों रही है 

दरअसल हाल ही में 2023Q1 के नतीजे घोषित करने के बाद शेयर बाजार में जोमाटो के शेयर की डिमांड तेजी से बढ़ी। यह वृद्धि उस समय हुई जब अमेरिका की घटना के कारण भारतीय शेयर बाजार में कई बड़ी कंपनियों के शेयरों के दाम गिर रहे थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि ZOMATO ने शेयर बाजार में शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले 5 दिनों में 10% से अधिक रिटर्न दिया है। पिछले 1 महीने में 30% से अधिक और 6 महीने में 93% से अधिक का रिटर्न दिया है। यानी कंपनी ने अपने निवेशकों का पैसा मात्र 6 महीने में डबल कर दिया है। यह सफलता निश्चित ही शाबाशी के योग्य है परंतु यदि इसके कारण कंपनी का मैनेजमेंट किसी अहंकार का शिकार हो जाता है तो यह निवेशकों के लिए काफी हानिकारक होगा।
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