Government employees rules and law
किसी भी शासकीय कर्मचारी का ट्रांसफर या तो उसकी बीमारी देखकर किया जा सकता है या रुकवाया जा सकता है या कोई अपवादात्मक रूप से कोई स्थिति उत्पन्न हो रही हो। लेकिन अगर कोई शासकीय सेवक होते हुए गलत जानकारी देकर या किन्ही तथ्यों को तोड़ मोड़ कर अपना ट्रांसफर करवाता है या रुकवता है तब उस सरकारी कर्मचारी के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही होगी जानिए।
मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम,1982 की धारा 35 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति राज्य की या लोक उपक्रम की सेवा में होते हुए अपवादात्मक रूप से कठिन और आपसी मामलों को छोड़कर अर्थात गंभीर बीमारी को छोड़कर अपना ट्रांसफर करवाता है या अपना ट्रांसफर करवाता है या जोड़ तोड़(साठगांठ) द्वारा पदस्थापना या पदोंन्नति करवाएगा तब वह व्यक्ति अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत दोषी होगा।
Madhya Pradesh Specified Corrupt Practices Prevention Act, 1982 Section 35 punishment
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध हैं लेकिन अधिकारी पर मामला दर्ज करने से पहले सक्षम उच्च अधिकारी या समुचित सरकार से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है,इनकी सुनवाते किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। सजा इस अपराध के लिए अधिकतम छः माह का कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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