भारत के नागरिकों को रोजगार देने के नाम पर मुकेश भाई अंबानी की रिलायंस कंपनियों को सरकार की तरफ से हजारों करोड़ रुपए की सुविधाएं मिली है परंतु अब उन्हीं कर्मचारियों की नौकरी पर AI का संकट मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है। रिलायंस और NVIDIA के बीच में पार्टनरशिप हो गई है। इस पार्टनरशिप से एक तरफ रिलायंस कंपनी को बड़ी कमाई होगी तो दूसरी तरफ नई भर्ती रोकने और वर्तमान कर्मचारियों की संख्या घटाने में मदद मिलेगी।
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्तमान समय की सबसे बड़ी क्रांति मानी जा रही है। इसके माध्यम से कई लोगों के काम फटाफट किए जा सकते हैं। सबसे बढ़िया बात यह है कि AI बहाने नहीं बनाता और उसे छुट्टी भी नहीं चाहिए। AI बेईमानी नहीं करता और उसे रिश्वत भी नहीं चाहिए। वह अपना काम पूरी क्षमता से करता है। रूम सर्विस से लेकर मौसमी बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर तक का काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किया जा रहा है।
इसके कारण कुछ नए जॉब क्रिएट हुए हैं, लेकिन कई पुराने जॉब खत्म हो गए हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे, जब मोटर गाड़ी आई तो रिक्शा और तांगा का कारोबार खत्म हो गया। इस प्रक्रिया में एक पीढ़ी का परिवर्तन हो जाता है। एक तो रिक्त पदों की संख्या कम हो जाती है और दूसरा पुराने कर्मचारियों को नौकरी छोड़नी पड़ती है क्योंकि उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखने में समय लगेगा और नई उम्र के लड़के उनकी तुलना में फटाफट काम कर सकते हैं।
रिलायंस की कंपनियों में कई ऐसे काम है जिन्हें इंसानों की तुलना में यदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कराया जाए तो कम समय में ज्यादा अच्छे तरीके से होंगे। स्वाभाविक एकदम मुकेश भाई दुनिया की सबसे बड़ी AI कंपनी के पार्टनर है तो इस तकनीक का उपयोग वह रिलायंस की तरक्की के लिए भी करेंगे।
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