15-20 साल पहले मध्य प्रदेश के डकैत जींस टीशर्ट में क्लीन सेव होकर ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में घूमा करते हैं। आज भी कई अपराधी भेष बदलकर, कभी दाढ़ी बढ़ाकर तो कभी मूछें उड़ा कर खुलेआम शहर में घूमते हैं परंतु अब ऐसा नहीं हो पाएगा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी से लैस कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह कैमरे चेहरा पहचानने में माहिर हैं। जो व्यक्ति एक बार पुलिस की गिरफ्त में आ गया, वह कैसा भी भेष बदल ले लेकिन यह कैमरे उसे पहचान लेंगे।
अभी तक CCTV कैमरे गाड़ी का नंबर और शर्ट का कलर ही पहचान पाते हैं
भोपाल शहर में अभी 153 लोकेशन पर पुलिस के 781 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। जिसमें पीटीजेड, एएनपीआर और फिक्स कैमरे शामिल हैं। इसके अलावा ITMS के कैमरे भी काम कर रहे हैं। ये कैमरे अभी वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करते हैं। पुलिस इन CCTV कैमरों का इस्तेमाल किसी भी वारदात के बाद कैमरों की चेन बनाकर बदमाशों तक पहुंचने के लिए करती है। यानी यदि कोई बदमाश वाहन से भाग रहा है तो उसे आसानी से ट्रैक्टर लिया जाता है, लेकिन यदि दो कमरों के बीच में कहीं पर कोई अपराधी उस वाहन से नीचे उतर गया और उसने किसी निर्दोष व्यक्ति को वह वाहन दे दिया और स्वयं किसी अन्य वाहन पर सवार हो गया तो वर्तमान में लगे CCTV कैमरे कंफ्यूज हो जाएंगे। एक बार फिर उनकी मैनुअल चैन क्रिएट करनी पड़ेगी।
AI CCTV कैमरे चेहरा देख कर बता देंगे, फिल्म देखने जा रहा है या क्राइम करने
अब आने वाले समय में शहर में लगने वाले CCTV कैमरे एआई टेक्नोलॉजी पर आधारित होंगे। यह कैमरे पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज सभी अपराधियों की लगातार निगरानी करेंगे। पुलिस को पता रहेगा कि आज अपराधी कहां पर था और क्या कर रहा था। यदि किसी ने वारंट बाउंस कर दिया, या फिर कोई पुलिस गिरफ्त से फरार हो गया है तो उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा। सिर्फ इतना ही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उसके चलने और उसके चेहरे के भाव के आधार पर यह भी पता लगाया जा सकेगा कि वह किस मूड में है। कहीं कोई अपराध करने के लिए तो नहीं जा रहा है।
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