BHOPAL NEWS- कोर्ट में महिला ने कहा, मुझे नहीं पता मेरा रेप हुआ, साध्वी ने बताया और FIR लिखाई

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल में 1 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहे वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा को रिहा कर दिया गया है। उनके खिलाफ एक महिला के बलात्कार का मामला दर्ज हुआ था, परंतु महिला ने कोर्ट में बताया कि, उसे नहीं मालूम उसके साथ रेप हुआ है। वह तो बेहोश हो गई थी। एक साध्वी के साथ उसके घर चली गई थी। उसी साध्वी ने बताया कि उसके साथ रेप हो गया है और फिर वही साध्वी अपने साथ पुलिस थाने ले गई। पुलिस ने भी मनमानी रिपोर्ट लिखी। 

पढ़िए पुलिस FIR में क्या लिखा है

मैं रायसेन की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 28 साल है। मेरी शादी को चार साल हो चुके हैं, लेकिन मेरी कोई संतान नहीं हैं। मैं इलाज और झाड़-फूंक भी करवा चुकी हूं। मुझे कोई फायदा नहीं हुआ।

मैं परेशान चल रही थी, तभी मोहल्ले की महिलाओं से पता चला कि वैराग्यनंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा बहुत ज्ञानी हैं। बच्चा होने की दवा देते हैं। भागवत कथा करते हैं। मेरा भी मन हुआ कि मिर्ची बाबा से दवा लेने के लिए मिलूं। गांव की दीवारों में लगे बैनर से मिर्ची बाबा का मोबाइल नंबर मिला।

जुलाई 2022 में मैंने फोन किया। गोपाल नाम के व्यक्ति से बात हुई। उसने खुद को बाबा का चेला बताया। उसने बताया कि बैनर में जो दूसरा नंबर लिखा है, वो बाबा का है। इस पर मैंने दूसरे नंबर पर कॉल किया। बाबा से बात हुई। बाबा को बताया कि शादी के 4 साल बाद भी संतान नहीं हुई है। क्या आप कुछ कर सकते हैं? बाबा बोले कि हम इसका इलाज करते हैं। इसके लिए मेरे आश्रम में आना पड़ेगा।

मैं खुश हो गई। मैंने अपने पति को बाबा की सारी बातें बताई। बाबा ने मेरे पति से भी बात की। फिर मुझे बाबा पर विश्वास हो गया। इसके बाद बाबा ने मुझसे कई बार बात की। मैंने बाबा को फोन कर बोला कि दवाई लेने आ रही हूं। बाबा ने मुझे भोपाल में मिनाल रेसिडेंसी आने के लिए बोला।

मैं अकेली बाबा से मिलने मिनाल रेसिडेंसी पहुंच गई। वहां मुझे बाबा का चेला गोपाल लेने आया। फिर मैं बाबा के बंगले पर गई। बंगला दो मंजिला है। वहां बाबा मिले। मुझे बड़े प्रेम से बैठाया। घर में एक बाई थी, जिसने मुझे चाय-पानी दिया।

बाबा ने मुझसे सारी बात पूछी। मैंने अपनी सारी परेशानियां बताईं। बाबा ने हाथ की नस देखी। बोला कि तुमको संतान हो जाएगी। तुम कल 12 बजे आना। मुझे बाबा ने कुछ साबूदाना जैसी गोलियां दीं। बोला घर पर रख देना और भभूत खा लेना।

मैंने बाबा के कहे अनुसार किया। पति को सारी बातें बताईं। इसके बाद 17 जुलाई को साढ़े 12 बजे मैं ऑटो से बाबा के बंगले मिनाल पहुंची। वहां मुझे गोपाल, बाबा, बाई तीनों मिले। बाबा ने मुझे सोफे पर बैठाया। उसके बाद बाबा ने मुझे वहीं पर साबूदाने की गोली और भभूति दी। कहा- ऊपर कमरा है, वहां जाकर आराम से बैठो और खा लो। फिर मैं ऊपर कमरे में चली गई। भभूति और गोलियां मैंने खा लीं। थोड़ी देर बाद बाबा कमरे में आए।

मुझसे थोड़ी देर तक बात करते रहे। इतने में मुझे चक्कर आने लगे। मैं उठकर जाने लगी। बाबा ने मुझे पकड़कर बिस्तर पर बैठा लिया। कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया। गलत हरकत करने लगा। मैंने बाबा को धक्का दिया। मगर मुझे इतने चक्कर आ रहे थे कि मैं चिल्ला नहीं पा रही थी। मिर्ची बाबा ने मेरे साथ बलात्कार किया। मैं बेहोश हो गई।

जब मुझे होश आया तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था। बाबा भी पास में बैठा था। मैं नग्न अवस्था में थी। बाबा भी नग्न थे। मैंने बाबा से बोला कि तुमने मेरे साथ गलत काम किया है। मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगी। बाबा बोला कि ऐसे ही बच्चे पैदा होते हैं। तुझे गोल मटोल लड़का पैदा होगा।

मैं बाबा से बोली- मुझे ऐसा बच्चा नहीं चाहिए। बाबा बोला- जा बता दे, जिस-जिस को बताना है। मुझे नागा बाबा का दर्जा मिला है, तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। अगर तूने मेरे खिलाफ कुछ किया तो तुझे और तेरे पति को मरवा दूंगा। 

अब पढ़िए कोर्ट में महिला ने क्या बयान दिया

उसने बताया कि उसकी शादी चार वर्ष पहले हो चुकी है और उसके बच्चे नहीं है। उसने बैनर पर नंबर देखकर फोन लगाया था। वह फोन नंबर गोपाल का था। वह अकेले ऑटो से बाबा के आश्रम गई थी। वहां गोपाल भी था।

पीड़िता ने बताया कि वहां वह बेहोश हो गई थी, उसे होश नहीं था। उसके साथ गलत काम (बलात्कार) हुआ था। लेकिन कोर्ट में मौजूद आरोपी को देकर पीड़ित ने कहा कि वह यह व्यक्ति नहीं है। फिर वह साध्वी दीदी के साथ घर चली गयी थी। 15-20 दिन के बाद साध्वी दीदी ही उसे महिला थाने ले गयी थी।

महिला थाने में साध्वी दीदी ने लिखवाया आवेदन

पीड़िता ने अपने बयान में यह भी बताया कि महिला थाने में साध्वी दीदी ने ही आवेदन लिखवाया था, जिस पर उसने अंगूठा निशान लगाया था। साध्वी दीदी और पुलिस वालों ने आवेदन पढ़कर उसे नहीं सुनाया था। पुलिस ने उससे थाने पर कई कोरे कागजों पर अंगूठा लगवाया था। पुलिस ने घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया था, जिस पर उसका अंगूठा निशानी है। 

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