यदि किसी परिचित का फोन आए और मदद मांगे तो क्या करें, पढ़िए BHOPAL साइबर पुलिस की सलाह

Bhopal Samachar
आजकल एक नया खतरा मंडरा रहा है। इसे AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम से जाना जाता है। जहां एक तरफ एआई ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति ला दी है वहीं दूसरी तरफ नए तरीके के साइबर क्राइम भी शुरू हो गए हैं। इसी में एक है वॉइस क्लोनिंग यानी एक सॉफ्टवेयर को आप की आवाज में बात करना सिखा देना। बेंगलुरु और तेलंगाना राज्य में इसके तहत आपराधिक गतिविधियां शुरू हो गई है। यदि आप ऐसे किसी भी अपराध से बचना चाहते हैं तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। 

AI वॉइस क्लोनिंग क्या होती है, सरल हिंदी में ध्यान से समझिए

साइबर अपराधी किसी लिंक के माध्यम से आपके मोबाइल फोन का पूरा डाटा अपने पास कॉपी कर लेते हैं। इस तरह उनके पास आपके सभी रिश्तेदारों के नाम और नंबर पहुंच जाते हैं। व्हाट्सएप के कारण उनके फोटो भी पहुंच जाते हैं। आप अपने फोन में जो भी कॉल और मैसेज करते हैं। वीडियो देखते हैं। इस सब की जानकारी उनके पास पहुंचती रहती है। अब आपके पास किसी कंपनी का फोन कॉल आता है। थोड़ी देर बातचीत होती है। इस बातचीत के दौरान उनका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला सॉफ्टवेयर आपकी आवाज को, आपके बात करने के तरीके को कॉपी कर लेता है। अब उनका सॉफ्टवेयर आपकी आवाज में कुछ भी बोल सकता है, वह बातें भी बोल सकता है जो आपने कभी नहीं बोली। 

यही कारण है कि भोपाल समाचार डॉट कॉम में अब क्लिक करने के लिए लिंक नहीं बल्कि पूरा यूआरएल उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि आपको क्लिक ना करना पड़े और आप पहचान सकेंगे कि यूआरएल ऑफिशियल वेबसाइट का है या नहीं।

 


इसके बाद, आपके व्हाट्सएप मैसेज एवं फोन कॉल की मदद से यह पता किया जाता है कि कितने लोगों से आपके जीवंत संपर्क हैं और ऐसे कितने लोग हैं जो आपकी तत्काल मदद करने के लिए तैयार हैं। सबसे पहले यह देखा जाता है कि आपका फोन एक्टिव नहीं है। यानी आप अपने फोन का उपयोग नहीं कर रहे हैं। ठीक इसी समय AI सॉफ्टवेयर की मदद से उन लोगों को फोन कॉल लगाया जाता है। बताया जाता है कि आप किसी मुसीबत में है। किसी दुर्घटना का शिकार हो गए हैं और अस्पताल में हैं। या फिर कोई भी कहानी जो आपकी परिस्थितियों के अनुसार सूटेबल हो, सुनाई जाती है और तत्काल मदद मांगी जाती है। 

इस प्रकार आपको पता ही नहीं चलता और आप:-

  • अपने कई दोस्त और रिश्तेदारों से उधार पैसे मांग लेते हैं। 
  • अपने परिवार के व्यक्ति को आदेशित कर देते हैं कि वह दरवाजे पर खड़े हुए व्यक्ति को कोई मूल्यवान वस्तु प्रदान कर दे। 
  • ऑफिस में अपने बॉस को फोन लगाकर अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं। 
  • अपने साथी कर्मचारियों से उधार पैसे मांग लेते हैं। 
  • यदि आपने व्हाट्सएप पर किसी के साथ अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड शेयर किया है, तो आपको पता भी नहीं चलता और आप लोन ले लेते हैं। 
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आप की केवाईसी भी हो जाती है। 
  • इसके अलावा सैकड़ों तरह की घटनाएं हो सकती हैं। 

AI का शिकार होने से बचने के लिए क्या करें 

सबसे पहले तो इसके बारे में अपने सभी मित्र और रिश्तेदारों को बताएं। सावधान रहें और यदि कोई फोन पर मदद मांगता है तो फोन डिस्कनेक्ट होने के बाद अपनी तरफ से कॉल बैक जरूर करें। यदि किसी AI सॉफ्टवेयर की तरफ से कॉल आया है तो आपके कॉल बैक करने पर मामले का तत्काल खुलासा हो जाएगा। अपने आधार कार्ड एवं पैन कार्ड इत्यादि किसी भी स्थिति में व्हाट्सएप, टेलीग्राम या ऐसे ही किसी और दूसरे मैसेजिंग प्लेटफार्म के माध्यम से किसी को ट्रांसफर ना करें। बैंक में उपयोग किए जाने वाले हस्ताक्षर कभी भी ऐसे किसी दस्तावेज पर ना करें जिसे इंटरनेट पर अपलोड किया जाता है। 

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