सन 2011 में बायजू रविंद्रन द्वारा कक्षा एक से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए बनाई गई थिंक एंड लर्न कंपनी 2015 में अपनी मोबाइल एप्लीकेशन BYJU'S के कारण पूरे भारत में फेमस हो गई थी लेकिन 2023 में कंपनी अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। अपनी प्रॉपर्टी बेच रही है। कंपनी के मैनेजमेंट ने अपने 5000 कर्मचारी और शिक्षकों को कंपनी के लिए अयोग्य मानते हुए नौकरी से निकलने का फैसला लिया है।
अब तक 3500 कर्मचारी और शिक्षकों को निकाला जा चुका है
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए CEO अर्जुन मोहन कंपनी में बड़े पैमाने में बदलाव कर रहे हैं। जिस वजह से एक बार फिर कंपनी में बड़ी छंटनी होने जा रही है। इससे पहले कंपनी ने साल की शुरुआत में 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। वहीं, पिछले साल के लास्ट में कंपनी ने 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
कंपनी के लिए बोझ बन सीनियर अधिकारियों को भी भगा दिया जाएगा
नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों में कंपनी के सीनियर अधिकारी भी शामिल होंगे। इसके जरिए सीनियर मैनेजमेंट एक्सपेंसेज को कम किया जाएगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि नए CEO ने पहले ही कंपनी के इस फैसले के बारे में अधिकारियों को बता चुके हैं।
इसके साथ ही परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान में फेल रहने वाले और कॉन्ट्रैक्ट एम्प्लॉइज को भी निकाला जाएगा। इसके अलावा सेल्स, मार्केटिंग सहित अन्य टीमों के भी कर्मचारी इससे प्रभावित होंगे।
फाइनल स्टेज में बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग एक्सरसाइज
बायजूस के प्रवक्ता ने कहा, 'हम बिजनेस रीस्ट्रक्चरिंग एक्सरसाइज के फाइनल स्टेज में हैं। इसके जरिए ऑपरेशन रीस्ट्रक्चर को सरल बनाया जाएगा और कैश फ्लो मैनेमेंट को बेहतर किया जाएगा। अगले कुछ हफ्ते में CEO अर्जुन मोहन इस प्रोसेस को पूरा करेंगे और नए व टिकाऊ ऑपरेशन को आगे बढ़ाएंगे। हालांकि कंपनी ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि इस रीस्ट्रक्चरिंग से कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे।
20 सितंबर को भारतीय ऑपरेशन के CEO बने अर्जुन मोहन
कंपनी ने 20 सितंबर को मृणाल मोहित की जगह अर्जुन मोहन को कंपनी के भारतीय ऑपरेशन के लिए CEO नियुक्त किया है। मोहन पहले कंपनी के मुख्य बिजनेस अधिकारी (CBO) थे।
BYJU'S कंपनी की दो बड़ी समस्याएं- नगदी की कमी और सरकारी जांच
कंपनी अभी नकदी की कमी से जूझ रही है। नकदी संकट को दूर करने के लिए बायजूस ने अपनी दो प्रमुख संपत्तियों एपिक और ग्रेट लर्निंग को बेचने का फैसला किया है। इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों से कंपनी नियामक जांच का सामना कर रही है। जुलाई में कंपनी के ऑडिटर डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि एडटेक फर्म को उनके वित्तीय परिणाम तैयार करने में मदद करने में सहयोग नहीं कर रहा है।
विद्यार्थियों को जुर्माना कौन अदा करेगा
इसका दूसरा अर्थ यह भी होता है कि कंपनी ने बच्चों को पढ़ने के लिए अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति की थी, और अब जबकि कारोबार चौपट होने लगा है तो सभी आरोग्य शिक्षकों को निकाला जा रहा है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इन आरोग्य शिक्षकों के कारण जिन विद्यार्थियों का समय खराब हो गया, उसका जुर्माना कौन अदा करेगा।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप चैनल सब्सक्राइब कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।