शासकीय कर्मचारी के अवकाश को, अवकाश के दौरान भी बढ़ाया या घटाया जा सकता है क्या - Employees

Bhopal Samachar

Free Legal Advice from Top Lawyers in Madhya Pradesh 

अवकाश को लेकर शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच में अक्सर टकराव की स्थिति बनी रहती है। इसका मुख्य कारण जानकारी का अभाव होता है। यदि दोनों पक्षों को अपने कर्तव्य और अधिकारों का पूरा ज्ञान हो तो टकराव की स्थिति नहीं बनती। चलिए विषय के विशेषज्ञ से पूछते हैं कि, अवकाश के मामलों में कर्मचारी के कानूनी कर्तव्य और अधिकार क्या है। 

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी बताते हैं कि, अवकाश स्वीकृत करने वाला सक्षम प्राधिकारी/अधिकारी, कर्मचारियों के अवकाश से अत्याधिक रुकने या ठहरने पर, अवकाश में वृद्धि इस संतुष्टि के आधार पर कर सकता है कि उपरोक्त परिस्थिति, कर्मचारी के नियंत्रण में नही थी। दूसरे शब्दों में, अवकाश समाप्ति के पश्चात भी, अवकाश पर ठहरने के पीछे का कारण कर्मचारी के नियंत्रण में नही था। इस प्रकार की वृद्धि, भूतलक्षी प्रभाव से भी की जा सकती है। 

इसके अतिरिक्त, चिकित्सा आधारों या लोकहित में, अवकाश में वृद्धि या कमी या समाप्ति भी की जा सकती है। सीमा 5 वर्ष से अधिक नही हो सकती है। जहां, सक्षम अधिकारी अनाधिकृत अनुपस्थिति को अवकाश में परिवर्तित करने से निषेद्य या इंकार करता है, वहां कर्मचारी को उस अवधि का वेतन प्राप्त नही होगा। इस प्रकार के अवकाश को असाधारण अवकाश कहा जाता है। जिसकी अवधि 5 वर्ष की हो सकती है। जानबूझकर कर्तव्य से अनुपस्थिति, अनुशासनात्मक कार्यवाही को आमंत्रित करता है। 

 पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें।  ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!