कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारक कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। ईपीएफ द्वारा उनके कुल जमा धन का 15% शेयर मार्केट में निवेश करता है। इससे जो फायदा होता है वह अप्रत्यक्ष रूप से खाताधारक कर्मचारियों को दिया जाता है परंतु अब ऐसा नहीं होगा। वित्त मंत्रालय ने रिडेंप्शन की राशि को फिर से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की मंजूरी दे दी है।
रिडेंप्शन की राशि क्या होती है और वित्त मंत्रालय की मंजूरी से क्या असर पड़ेगा
रिडेंप्शन की राशि का मतलब होता है, EPFO द्वारा कर्मचारियों की 15% जमा धनराशि को शेयर बाजार में निवेश करने के बाद जो मुनाफा कमाया गया है, उसी की रिडेंप्शन कहा जाता है। अब से पहले तक यह राशि अप्रत्यक्ष रूप से खाताधारक कर्मचारियों के फायदे के लिए उपयोग की जाती थी परंतु अब वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है कि EPFO कर्मचारियों की 15% जमा धनराशि को शेयर बाजार में निवेश करके जो मुनाफा कमाएगा, उसे वापस शेयर बाजार में निवेश कर सकता है। यानी अब यह राशि किसी भी प्रकार से कर्मचारियों के हिस्से में नहीं आएगी।
रिडेंप्शन की राशि को फिर से निवेश करने से क्या फायदा होगा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारक कर्मचारियों की संख्या 6.50 करोड़ है। इनके वेतन से प्राप्त राशि को सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर के काम में उपयोग करके, खाताधारकों को ब्याज दिया जाता था। इसके बाद EPFO ने कई अन्य प्रकार के निवेश करना शुरू किए, और उनसे होने वाले मुनाफे को ब्याज के रूप में कर्मचारियों में बांटा गया। इसके कारण निवेश के विकल्प और डॉक्यूमेंट में प्रॉफिट तो बढ़ा लेकिन कर्मचारियों का ब्याज कम होता चला गया। अब रिडेंप्शन की राशि कर्मचारियों में वितरित नहीं होगी तो ब्याज की दर कुछ और कम हो जाएगी, लेकिन इसके मुनाफे से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खर्चे निकल आएंगे।
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